पंचायत चुनाव में हो रही देरी और इससे होने वाली समस्या के साथ पंचायत चुनाव में ओबीसी के आरक्षण से संबंधित मामले को लेकर सदर विधायक ने सदन पटल पर कार्य स्थगन प्रस्ताव की सूचना दी
संवाददाता – हंसराज चौरसिया
हजारीबाग/झारखंड- झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के पांचवे दिन हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल ने राज्य में लंबित पंचायत चुनाव और उससे योजनाओं के क्रियान्वयन में हो रही समस्या के साथ पंचायत चुनाव में ओबीसी के आरक्षण से संबंधित मामले को लेकर कार्य स्थगन प्रस्ताव की सूचना सदन पटल पर लाया।
विधायक मनीष जायसवाल ने सदन ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि राज्य में पंचायत चुनाव का कार्यकाल दिसंबर 2020 में ही समाप्त हो चुकी है और सरकार द्वारा कोरोना काल के नाम पर राज्य के पंचायतों को दो बार अवधि विस्तार दिया गया। साथ ही समय पर चुनाव नहीं होने के कारण गांवों की विकास थम सी गई है और कई महत्वपूर्ण जनहित की योजनाओं का क्रियान्वयन लंबित है तथा राज्य में एक बार फिर पंचायत चुनाव का मामला फंसता दिख रहा है। विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने पंचायत चुनाव में ओबीसी के आरक्षण से संबंधित उच्चतम न्यायालय के एक फैसले को लेकर सरकार को पत्र भेजी है परंतु सरकार उक्त मामले पर गंभीर नहीं है कि राज्य में ओबीसी के आरक्षण के संबंध में उच्च स्तरीय समिति बनाई जाए ताकि सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसार आरक्षण की दिशा में निर्णय लें। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय का फैसला मध्य प्रदेश एवं गुजरात पंचायत चुनाव में ओबीसी को आरक्षण देने के संबंध के साथ-साथ पेशा कानून से भी संबंधित है। परंतु सरकार उक्त संबंध में अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं कर पाई है। ऐसे में विधायक मनीष जायसवाल ने इस मामले को लेकर सदन की सारी विधायी कार्यों को रोककर उक्त गंभीर मामले पर चर्चा कराने की मांग की ।