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20 लाख का बना तहसील कचहरी, उदघाटन के पूर्व जर्जर
बड़कीपोना स्थित पारडीह में भवन निर्माण विभाग द्वारा लगभग 20 लाख की लागत से तहसील कचहरी सह हल्का कर्मचारी का आवास का लगभग 5 वर्ष पूर्व हुआ निर्माण, आवास में नही रहते है कोई कर्मचारी, मधुमक्खी पालन करने वाले दो लोगों ने बनाया डेरा
फोटो चितरपुर : बड़कीपोना में जर्जर हुआ तहसील कचहरी सह हल्का कर्मचारी का आवास
फोटो चितरपुर : हल्का कर्मचारी आवास में रखे जर्जर समान
प्रिंस वर्मा/संजय नायक, रामगढ़/रजरप्पा
सरकार की योजनाओं एवं राशि का दुरुपयोग किस तरह किया जाता है। इसका जीता जागता उदाहरण बड़कीपोना स्थित पारडीह में देखने को मिला, जहां भवन निर्माण विभाग द्वारा लगभग छह वर्ष पूर्व 20 लाख की लागत से तहसील कचहरी सह हल्का कर्मचारी का आवास का निर्माण कराया गया था। जिसका अबतक उदघाटन भी नही हो पाया था। उससे पूर्व ही यह भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। हालांकि भवन निर्माण के कुछ दिनों के बाद कर्मचारी यहां बैठना शुरू कर दिया था। लेकिन उसके बाद जब कर्मचारी यहां आना बंद कर दिया तो यह भवन धीरे धीरे जर्जर होता गया। अब आलम यह है कि यह भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। खिड़की के शीशे टूट चुके है। प्लास्टर व छज्जा भी टूट चुका है। लेकिन इस ओर विभाग का कोई ध्यान नही है। इससे पता चलता है ही सरकारी राशि का दुरुपयोग किस तरह से किया जाता। जहां लाखों रुपये की लागत से भवन का निर्माण तो कर दिया जाता है। लेकिन न तो वहां कोई अधिकारी या कर्मचारी बैठने का काम करते। न ही इस भवन का रख रखाव किया जाता है। रख रखाव कर अभाव में यह भवन जर्जर अवस्था मे पहुंच चुका है।
मधुमक्खी पालन करने वाले दो लोगों ने बनाया डेरा
चूंकि इस भवन में कोई अधिकारी या कर्मचारी यहां पर नही रहते है। जिसके कारण कुछ दिनों से मधुमक्खी पालन करने वाले दो लोगों ने इसे अपना डेरा बना लिया था। और वे लोग यहां पर रहकर मधु मक्खी पालन करने का कार्य रहे थे। इस संबंध में जब चितरपुर सीओ तृप्ति विजया कुजूर से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भवन में कोई रह रहा होगा तो उसे हटा दिया गया है। साथ ही भवन की साफ सफाई कर इसे दुरुस्त किया जाएगा। इसके अलावे कर्मचारी की बैठने की भी व्यवस्था की जाएगी। ताकि लोगों की समस्या को वही पर सुना जा सके।