खतियान एवं ऑनलाइन सूची में सही जाती दर्ज नहीं रहने से जाति प्रमाण पत्र बनाने से वंचित नापित
पोटका/ पूर्वी सिंहभूम /झारखण्ड
सुरेश कुमार महापात्र की रिपोर्ट
खतियान में “नापित” तथा ऑनलाइन सूची में “नाई/हजाम” दर्ज रहने के कारण पोटका अंचल में नापित जाति के लोग “जाति प्रमाण पत्र” बनाने से हो रहे हैं वंचित । पूर्व जिला पार्षद के अगुआई में अपनी फरियाद लेकर पीड़ित पंहुचे अनुमण्डल पदाधिकारी धालभूम के पास और इस समस्या के समाधान के लिए गुहार लगाई ।ज्ञात रहे पोटका प्रखंड में नापित जाति के सदस्यों का जाति प्रमाण पत्र बनना बंद हो गया है जिसके कारण प्रखंड के नापित जाति के लोग जाति प्रमाण पत्र से वंचित होने के कारण अपने भविष्य को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। ऐसे ही एक शिकायत प्रखंड के डोमजुडी गांव के राजू प्रमाणिक, पिता हाराधन प्रमाणिक का हैं। राजू इंटर मिडियेट के छात्र हैं, अपने जरूरत के आधार पर जब इन्होंने हाल ही में अपने जाति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन किया तो अंचलाधिकारी पोटका के द्वारा उसे खतियान में जाति “नापित” दर्ज रहने का हबाला देकर जाति प्रमाण पत्र के आवेदन को रद्द कर दिया। इसके बाद आवेदक द्वारा अपने पूर्व जिला पार्षद करुणा मय मंडल के साथ जाकर अंचलाधिकारी निकिता वाला से मिल कर समस्या के संबंध में अपने पक्ष रखते हुए इसी खतियान के माध्यम से ही 2022 में अंचल पोटका से ही निर्गत अपनी चचेरे बहन शिवानी प्रमाणिक, पिता – शिबू प्रमाणिक का ऑनलाइन जाति प्रमाण पत्र एवं 2015 में उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम द्वारा निर्गत ऑपलाइन प्रमाण पत्र “नाई” का दर्शा कर स्थानीय जांच के आधार या कोई दूसरे वैकल्पिक व्यवस्था के तहत जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने की अनुरोध किया गया पर उन्होंने साफ इंकार करते हुए कहा ऐसा करना संभव नहीं है।
अन्तत: बच्चों के भविष्य तथा पूरे जाति का भविष्य को असुरक्षित महसूस करते हुए समस्या की समाधान हेतु आज पोटका के पूर्व जिला पार्षद करुणा मय मंडल के अगुआई में अनुमण्डल पदाधिकारी, धालभूम के समक्ष सारी दस्तावेजों के साथ पीड़ित राजू प्रमाणिक अपना आवेदन प्रस्तुत किए तथा यथा शीघ्र समस्या की समाधान करने का आग्रह किया । उक्त समाज के विद्यार्थियों तथा नौकरी आदि विभिन्न स्तरों में जरूरतमंदों को संकट से उभार कर भविष्य की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की अनुरोध किए। उनके साथ उनके चाचा कृष्ण प्रमाणिक भी मौजूद थे।
ज्ञातव्य है की कृष्ण प्रमाणिक एवं उनके परिवार के और दो बच्चों के ऑनलाइन आवेदन को भी एक ही कारण से अंचल अधिकारी के द्वारा रिजेक्ट कर दिया गया है। जाति प्रमाण पत्र बनने में उत्पन्न कठिनाइयों से प्रखंड में उक्त जाति के लोग काफी अक्रोशित है जो चुनाव के समय गलत प्रभाव पड़ने की ओर संकेत देती है।