बराकर नदी पर झारखंड के सबसे बड़े 4 लेन पुल का मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने किया शिलान्यास, परिसंपत्तियों का किया वितरण
जामताड़ा
मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने जामताड़ा के लोगों को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने बरबेंदिया पुल शिलान्यास किया, इस दौरान उन्होंने भाजपा पर जम कर निशाना साधा। उन्होंने भाषण की शुरुआत हेमंत सोरेन के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि बड़ा दुर्भाग्य है कि जिस हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हमने जनादेश प्राप्त किया था उनको भाजपा ने षडयंत्र रचकर जेल भेज दिया। सरकार बनने के साथ ही अस्थिर करने का प्रयास किया। बेबुनियाद बात भाजपा करता रहा। कोरोन समय में भी कहता था कि कुछ काम नहीं हुआ है। डबल इंजन की सरकार जब थी इस राज्य को ऐसा स्थिति में छोड़कर गया एक भी अच्छा स्थिति नहीं था। वेंटिलेटर नहीं था। राज्य अलग होने के साथ ही भाजपा के हाथ में था। लंबा समय तक वो लोग नेतृत्व किया है। लेकिन यहां का आदिवासी का हितैषी नहीं था। सिर्फ प्रोपेगेंडा था। यहां के लोगों का दुख दर्द नहीं समझते थे। एक भी काम ऐसा नहीं किया है उन लोगों ने कि कैसे झारखंड का विकास हो। सिर्फ यहां के खनिज पर उनकी नजर थी। झारखंड की धरती कभी गरीब नहीं रही। अमीर है ये। लेकिन यहां के आदिवासियों को संपत्ति से दूर रखा गया। दो साल कोरोना के बाद दो साल में हमलोग क्या काम किये हैं कि आपको दिखेगा। हेमंत बाबू ने ऐसा काम कर दिया कि यहां का आदिवासी हो दलित हो पिछड़ा हो उनका हमने अपने पैर में खड़ा किया है। ये धनी प्रदेश में आर्थिक व्यवस्था बड़ा दयनीय है। पेंशन की बात पहले आती थी। पूरा देश देखता है कि ये सोना का चिड़िया है। लेकिन यहां का आदिवासी की दयनीय स्थिति है। इसलिए सबसे पहले हमने सोचा कि हम रोटी, कपड़ा मकान देंगे। हमने पेंशन योजना लागू किया। 50 साल की आयु से हम पेंशन दे रहे हैं। उसका साथ क्या सोचा। झारखंड का विकास करना है अगर यहां का विकास करना है तो शिक्षा जरूरी है। लेकिन ये बाजपा वाला लोग 5 हजार स्कूल बंद कर दिया। लेकिन इस सरकार ने मॉडल स्कूल खोला ताकि यहां के बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़े। लेकिन विपक्ष का तकलीफ हो गया। ये लोग सोचने लगा कि अब क्या होगा। ये लोगों का पेट दर्द शुरू हो गया। इसलिए केंद्रीय एंजेंसी को लगा दिया हेमंत बाबू के पीछे में। जेल यात्रा करवा दिया। उनकी गलती बस इतनी थी कि उन्होंने सबको पेंशन दिया।
अच्छी शिक्षा से जोड़ा। केंद्रीय एजेंसी को हेमंत बाबू के पीछे लगा दिया। वो जानता था कि यहां का आदिवासी भोला भाला है। इसलिए उनको फंसा दो। वो क्या सोचते हैं कि हमें दबा देने से हम शांत बैठ जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं होगा। वो लोग विकास की बात करता है और हमने आज इस पुल का शिलान्यास कर दिया। बरसों से रोड बना हुआ था जिस पर कोई चल नहीं पा रहा था। हमने 15 हजार किलोमीटर रोड बनवाना शुरू कर दिया।इनलोगों ने एक दूसरे से लड़ाने काम किया है।