नेत्र वायरल आईफ्लू मौसमी संक्रमण से बचाव हेतु सावधानी बरतें- डॉ आरसी प्रसाद मेहता
शिव शंकर शर्मा
इचाक -बरसात के मौसम में हवा में नमी होने के कारण कंजेक्टिवाइटिस आई फ्लू की समस्या इपिडेमिक रूप से मौसमी आईफ्लू फैल रहा है आमतौर आई फ्लू या आंख आना एक वायरश/बैक्टीरिया जनीत संक्रमक रोग है जो ज्यादातर एक संक्रमित रोगी के संपर्क में आने पर दूसरे व्यक्ति को होता है। कंजेक्टिवाइटिस से बचाव हेतु संक्रमित व्यक्ति के संपर्क वाले सामानों से दूरी बनावे। स्वच्छता पर ध्यान रखें आंखों को साफ सुथरा रखें, अपनी आंखों को अपने हाथ से बिना हाथ धोवे न छुए। जब भी जरूरी हो हाथ धोकर आंख छुएं। अपनी निजी चीजों जैसे तालियां तकिया कंघी रुमाल कलम मोबाइल इत्यादि को सझा ना करें क्योंकि बिना निकट संपर्क के आंख में संक्रमण नहीं होता है आम गलतफहमी है कि किसी की आंखों में देखने से आईफ्लू हाता है जब तक आप प्रतक्ष्य-प्रतक्ष्य रुप से आंखों से निकलने वाले स्राव के संपर्क में नहीं आते हैं तब तक संक्रमण का जोखिम नहीं होता है। यह बातें मेहता हॉस्पिटल के निदेशक डॉ आरसी प्रसाद ने मेहता हॉस्पिटल के कार्यालय में कहा। उन्होंने आम जनता को सुझाव देते हुए कहा की आईफ्लू का इंफेक्शन होने से बचाव बेहतर है। सुझावों का पालन करते हुए बचाव हेतु आइटोन नाम की दवा सभी प्रतिष्ठित दवाखाना में मिलती है दोनों आंख में एक-एक बूंद से बचाव हेतु लगावे। यदि बीमारी हो जाता है उस परिस्थिति में परिवार के सदस्यों से दूरी बनाते हुए काला चश्मा का प्रयोग करें एवं आइटम दो दो बुंद दोनों आंख में चार-चार घंटा पर लगावे तकरीबन तीन दिन में यह बीमारी ठीक हो जाएगा, 3 दिन में ठीक नहीं होने पर नेत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह ले और उनके सुझाव का पालन करें।