गेड़िया कालीजंर मन्दिर परिसर मे पूजा करने एवं मेला देखने के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़
झारखंड न्यूज 24 संवाददाता संजय गोस्वामी फतेहपुर
बिन्दापाथर थाना क्षेत्र के अंर्तगत का प्रसिद्ध मंदिर स्थल गेड़िया कालीजंर धाम में आयोजित सात दिवसीय चड़कमेला उत्सव के दौरान गुरुवार को श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ी। बिन्दापाथर, श्रीपूर, बान्दो आदि निकटवर्ती क्षेत्र गाँवो के साथ-साथ जामताड़ा जिलों सभी प्रखण्डों से श्रद्धालु महिला पुरुष एवं मेला प्रेमी काफी संख्या में पहुंचे हैं। वर्षों पुरानी परंपरा और प्रगाढ़ आस्था के अनुसार संतान, रोजगार, नौकरी, बीमारी आदि की मन्नत लेकर बाबा के दरबार में लोग मन्नत करते हैं एवं मन्नत पूरी होने के साथ ही बाजा गाजा के साथ जयकारे लगाते हुए धर्म ध्वज लेकर बाबा का मंदिर पहुंचते हैं। गेड़िया कालीजंर के दरबार में यह धर्म ध्वज चढ़ाने की परंपरा काफी प्राचीन है। मन्दिर के आसपास क्षेत्र से नन्हे-मुन्ने से लेकर बड़े बुजुर्ग भी इस परंपरा को बखूबी निभाते हैं। बताते चलें कि उत्सव के छठे दिन आज भिन्न भिन्न क्षेत्र से महिला व्रती सुबह से ही पहुंच रहे हैं, जो देरी शाम को बाबा कालीजंर की पूजा अर्चना के उपरांत दीया जला गया और रात भर दीया जलाकर बाबा की उपासना में लीन रहा। ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि मन्दिर परिसर में व्रतियों द्वारा पहले ही अपनी अपनी जगह सुरक्षित किया जाता है। यही कारण है कि सुबह से ही उनके आने-जाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। था चिलचिलाती धूप के बावजूद हुए अपने आसन बिछाकर परिसर में जगह सुरक्षित करते हैं। इतना ही नहीं विलंब से पहुंचने वाले महिला व्रतियों को परिसर में जगह नहीं मिलने के कारण वे निकटस्थ खुले मैदान में दीया जलाकर बाबा कालीजंर की उपासना करते हैं। हालांकि मंदिर प्रबंधन कमेटी के द्वारा पिछले सालों की तरह इस बार भी रोशनी का चका चंद व्यवस्था किया गया है तथा संपूर्ण मेला में लाउडस्पीकर की व्यवस्था की गई है, जहां से हर पल आवश्यक सूचना और जरुरी घोषणा किया जा रहा है। परिसर में मेला कमेटी कार्यालय, अनुसंधान कार्यालय, पुलिस प्रशासन के लिए अलग-अलग स्टाॅल बनाए गए हैं । यहां आनेवाले मेला प्रेमी और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए हर कोई अपना अपना दायित्व समर्पण भाव से निभाने लगे हैं। जानकारी हो कि गुरुवार को देर शाम से यहां पहुंचे हजारों शिव भक्तों द्वारा कांटो के बिछावन पर लेटना, आग लेकर फूल की तरह खेलना उछलना, नुकीले लोहे की तार से अंग छेद कर उसने धागे पीरोते हुए नृत्य करना, पवित्र जलाशय कलश द्वारा जल लाकर बाबा को स्नान करवाना आदि हैरतअंगेज करतब दिखाए जाते हैं। रात भर चलने वाला इस धार्मिक अनुष्ठान का दर्शन नमन करने के लिए लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। इधर मेला का लुत्फ उठाने के लिए सभी सड़कों से मेला प्रेमियों का आना जाना शुरू हो गया है काफी आर्कर्षित लगा है तथा क्षेत्र के चारों ओर महादेव की जयकारा गूंजने लगी है।