95 साल की उम्र में भगवानी देवी डागर ने रचा इतिहास, भारत के लिए जीता स्वर्ण पदक
हरियाणा की 95 वर्षीय भगवानी देवी ने पोलैंड में खेली गई वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स इंडोर चैंपियनशिप में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। दुनिया में भारत के नाम का डंका बजा दिया है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि भगवानी देवी की उम्र 95 साल हैं। 100 मीटर दौड़ में भगवानी देवी इतनी तेजी से दौड़ीं कि उनकी उम्र का कोई भी व्यक्ति उन्हें पार नहीं कर सका। उन्होंने गोल्ड मेडल जीत लिया।
हरियाणा की रहने वाली हैं भगवानी देवी
हरियाणा के कहकड़ा गांव की रहने वाली भगवानी देवी की शादी 12 साल की उम्र में हो गई थी। वह 30 वर्ष की आयु में विधवा हो गई। अपने पति की मृत्यु के बाद, देवी देवी ने फैसला किया कि वह पुनर्विवाह नहीं करेंगी और अपना जीवन अपने बच्चों के लिए समर्पित करेंगी। उन्होंने अपनी सारी ऊर्जा अपनी बेटी और बढ़ते बेटे को अपने गर्भ में पालने में लगाने का फैसला किया। लेकिन जल्द ही बेटी की मौत हो गई। और उनका बेटा उनका सहारा बना। भगवानी देवी ने कड़ी मेहनत कर अपने बेटे को पाला। संयोग से उनकी बहन की शादी भी उसके परिवार में हुई थी। और अपनी बहन के सहयोग से भगवानी देवी को दिल्ली नगर निगम में क्लर्क की नौकरी मिल गई। और जीवन की गाड़ी धीरे-धीरे चलती गई।
तीन बच्चों की दादी हैं भगवानी देवी
बेटे की शादी हो गई और भगवानी देवी तीन बच्चों की दादी बन गईं। सबसे बड़े पोते विकास डागर हैं, जिन्हें खेलों का बहुत शौक है। विकास डागर ने भारत के लिए कई मुकाबले खेले हैं। मर्करी एथलेटिक्स में कई प्रतियोगिता जीत चुके विकास को खेल रत्न पुरस्कार भी मिल चुका है। वह एशियन गेम्स के चैंपियन भी रह चुके हैं। विकास के फलस्वरूप भगवानी देवी खेलों में रुचि लेने लगी। और 95 साल की उम्र में देश के लिए गोल्ड जीतकर नया रिकॉर्ड बनाया है।