द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाना देश और झारखंड के आदिवासी समाज के लिए सम्मान का बात है- विनीता उरांव
सुधाकर कुमार गुमला
मिशन बदलाव की विनीता उरांव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि आदिवासियों को सम्मान देने और झारखंड राज्य के पूर्व महामहिम राज्यपाल महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मू दीदी जी को भारत के राष्ट्रपति के उम्मीदवार बनाए जाने के लिए भारत सरकार के प्रति आभार जताया है।
झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनने का खिताब भी द्रौपदी मुर्मू जी के नाम रहा है और किसी भी भारतीय राज्य की राज्यपाल बनने वाली पहली आदिवासी भी रही और उन्हें सबसे लंबी अवधि (18 मई 2015 से 12 जुलाई 2021) तक राज्यपाल रहने का भी गौरव हासिल है उड़ीसा मयूरभंज जिले के विद्यालय में एक शिक्षक के रूप में कार्य करने के बाद वह राजनीतिक क्षेत्र में ही ओडिशा में सिंचाई और बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक से लेकर भाजपा के नेतृत्व वाले राजग की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार नामित होने तक का सफर आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू के लिए बेहद लंबा और मुश्किल सफर रहा।
निर्वाचित होने पर मुर्मू आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली मुर्मू दीदी जी ने हमारे झारखंड के हित के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है , जिसमें भाजपा के रघुवर दास सरकार में द्रौपदी मुर्मू में सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक सहित कई विधायकों को सरकार को वापस लौटाने का कड़ा कदम उठाया है इसके साथ ही झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों के कॉलेजों के लिए एक साथ छात्रों का ऑनलाइन नामांकन शुरू कराया इसके साथ ही यह नया और पहला कदम था जिसका लाभ सीधा विद्यार्थियों को मिल सका है।