ओवैसी ने अग्निपथ योजना के विरोध को बताया जायज, कहा- युवाओं के जीवन से ना खेले मोदी सरकार
संवाददाता-हंसराज चौरसिया
राँची – मांडर विधानसभा उपचुनाव में चुनावी सभा में शामिल होने एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी रांची पहुंचे हैं । रांची में असदुद्दीन ओवैसी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अग्निपथ योजना का विरोध जायज है । अग्निपथ योजना के विरोध को लेकर उन्होंने कहा कि इस योजना को लागू कर नरेंद्र मोदी सरकार ने हमारी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है । आज भी हमें पाकिस्तान और चाइना से खतरा है, ऐसे में 45 हजार फोर्स का रिक्रूटमेंट कहीं से भी सही नहीं है जबकि देश में एक लाख फौज की आवश्यकता है । उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इस तरह का निर्णय लेने से पहले केंद्र की सरकार ने किसी से भी राय मशविरा नहीं लिया । अग्निपथ योजना का विरोध जायज है क्योंकि इसमें नौकरी करने से किसी भी अग्नि वीरों को नौकरी की कोई सुविधा नहीं मिल पाएगी । आगे उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री से मेरा सीधा आग्रह है कि वो युवाओं के जीवन से खिलवाड़ ना करें । उन्होंने नोटबंदी कर कई लोगों को रातोंरात बेरोजगार कर दिया । ऐसे ही बिना किसी की समस्या को समझे बगैर लॉकडाउन किया है । जिससे कई लोग को आर्थिक एवं शारीरिक रूप से नुकसान उठाना पड़ा
इन सबके बावजूद भी मोदी सरकार गलत निर्णय लेने से बाज नहीं आ रही है ।रांची पहुंचने के बाद वह रांची हिंसा में घायल हुए पीड़ित परिवार से मिलना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने उन्हें मिलने से साफ मना कर दिया । 10 जून को भी हिंसात्मक घटना को लेकर उन्होंने कहा कि इसकी जिम्मेदारी भाजपा और जेएमएम सरकार की है । उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग नूपुर शर्मा पर पहले एक्शन ले लेते हैं तो इस तरह की घटना नहीं होती । इसके बाद राज्य सरकार ने भी पुलिस पर नियंत्रण नहीं कर पाई । उन्होंने कहा कि दो बच्चों की मौत की हम निंदा करते हैं, सरकार उन पुलिस वालों पर कार्रवाई करे और मृतकों के परिवार को सरकारी स्तर पर मदद दी जाए ।
उन्होंने आगे कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह उनके परिवार से मुलाकात करेंगे । औवैसी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि पुलिस ने जो गोली चलाई है, वह कहीं से सही नहीं है, इसमें जेएमएम की सरकार और कांग्रेस की मिली भगत है ।ओवैसी जिला प्रशासन के रवैए पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जिला प्रशासन ने जिस प्रकार से उन्हें मृतकों के परिवार से मिलने से मना किया है यह कहीं ना कहीं कई तरह के प्रश्न चिन्ह खड़े करते हैं ।