पंचायत चुनाव में जीत नहीं पाने वाले प्रत्याशियों के लिए कुछ सुझाव
रिपोर्ट शुभम कुमार
गावां
पंचायत चुनाव में एक पद के लिए कई उम्मीदवार अपना भाग्य को आजमाने के लिए जनता के अदालत में जाते है। सब जानते हैं कि एक पद के लिए कोई एक ही उम्मीदवार जीतेंगे। इसके बाद भी दर्जनों लोग चुनाव मैदान में आते हैं। इसमे किसी एक की जीत होती है। जो जीत जाते हैं। वही निर्वाचित प्रतिनिधि कहलाते हैं। लेकिन अन्य उम्मीदवार जिन्हें विश्वास कर जनता ने अपना मत दिया। उसके लिए हारा हुआ उम्मीदवार ही उनका के लिए मुखिया है, पंचायत समिति सदस्य है, वार्ड सदस्य है और जीप सदस्य है। उनसे उन्हें ज्यादा अपेक्षा रहेगी। भले ही उनका प्रत्याशी हार गया हो। लेकिन अक्सर देखा जाता है कि हारने वाले प्रत्याशी भूमिगत हो जाते है, उनसे कट जाते हैं जिन्होंने उन्हें वोट किया। ऐसी परिस्थिति में तब उन्हें लगने लगता है कि उन्होंने गलत उम्मीदवार को वोट किया। लेकिन यदि आप हार के बाद भी अपने जनता के बीच रहते है, उनके दुख सुख के भागीदार बनते हैं। तो उस मतदाता को कभी यह अनुभव नही होगा कि उनका प्रत्याशी हारा है। वह गलत उम्मीदवार को वोट दिया है। उनके लिए हमेशा जीता हुआ प्रत्याशी ही समझा जाएगा। इसलिए *झारखंड न्यूज़24* उन हारे हुए प्रत्यशियों को सलाह देता है कि आप चुनाव भले ही हार गए हो, लेकिन जनता ने जो आपको प्रेम प्यार दिया है उसे भूले नहीं। उनके लिए आप ही मुखिया हो, उनके लिए आप ही पंचायत समिति सदस्य हो, उनके लिए आप ही वार्ड सदस्य एवं जिला परिषद सदस्य हो, क्योंकि आपको उसी पद के लिए वोट दिया है। उनके वोट का सम्मान करते हुए मैदान में डटे रहे, एक न एक दिन सफलता जरूर मिलेगी।
धन्यवाद
विनीत:-
धनंजय सर
झारखंड न्यूज़24
(बरही अनुमंडल)