May 10, 2024
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इंसान को शुद्ध प्रेम के सिद्धान्तों की शिक्षा देता है रमजान,मुफ्ती उमर फारूक

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इंसान को शुद्ध प्रेम के सिद्धान्तों की शिक्षा देता है रमजान,मुफ्ती उमर फारूक

रमजान का महीना मुस्लिम समुदाय के लिए सबसे पाक महीना माना जाता है

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लोहरदगा

लोहरदगा:इस साल रमजान का महीना 24 अप्रैल 2023 शुक्रवार (जुम्मा) से शुरू हो रहा है।
रमजान को नेकियों का मौसम भी कहा जाता है। इस महीने में मुस्लमान अल्लाह की इबादत (उपासना) ज्यादा करता है। रमजान का महीना बहुत ही पवित्र महिना है, इस महीने में अल्लाह की इबादत करना, रोजा रखना, गरीबों को खाना खिलाना, दान करना इत्यादि कार्य किये जाते हैं। रमजान का महिना रहमत और बरकत का महीना है इसलिए मुसलमान भाई बहन इस महीने में अल्लाह की इबादत करके और रोजा रख कर अल्लाह को राजी करने की कोशिश करते हैं , रमजान का पवित्र महीना वास्तव में मानव जीवन में परिवर्तन और क्रांति का एक बड़ा स्रोत है, और यह महीना चरित्र निर्माण की पूरी व्यवस्था को अपने चरणों में ले आता है, इसलिए हमें इस महान महीने का स्वागत बेहतरीन तैयारी के साथ करना चाहिए ताकि हमारे व्यक्तिगत और सामूहिक जीवन में उल्लेखनीय परिवर्तन हो सके। हम जानते हैं कि उपवास का उद्देश्य धर्मपरायणता पैदा करना और ईश्वर की प्रसन्नता प्राप्त करना है। रमजान के महीने का स्वागत करने के महत्वपूर्ण तरीकों में से एक पश्चाताप और क्षमा है। अल्लाह के रसूल स.अ.व.स.ने कहा कि यह सब्र का महीना है और सब्र का इनाम जन्नत है। “जो कोई भी विश्वास के साथ इनाम पाने के इरादे से रमजान में रोज़ा रखता है, उसके पिछले पाप क्षमा कर दिए जाते हैं।(साहिह बुखारी) रमजान के महीने में 3 अशरे होते हैं। पहला अशरा रहमत का होता है, दूसरा अशरा मगफिरत यानी गुनाहों की माफी का होता है और तीसरा अशरा जहन्नुम की आग से खुद को बचाने के लिए होता है। रमजान इंसान को शुद्ध प्रेम के सिद्धान्तों की शिक्षा देता है क्योंकि जब वह रोज़ा रखता है तो वह इसे अपने अल्लाह से गहरे प्रेम के कारण रखता है जो व्यक्ति अल्लाह से प्रेम करता है वह जानता है कि वास्तव में प्रेम है क्या? यह इंसान के अंदर गहरी और जागती हुई चेतना का विकास करता है क्योंकि रोज़ा रखने वाला व्यक्ति अपना रोज़ा तन्हाई में भी रखता है और सार्वजनिक रूप से भी। विशेष रूप से रोजें में कोई सांसारिक ताकत ऐसी नहीं होती जो इंसानी व्यवहार की जाँच कर सके या रोज़ा रखने के लिए उसे विवश कर सके । वह अपने अल्लाह को खुश करने के लिए रोजा रखता है। इसलिए हम इस पवित्र महीने को अपने जीवन के आखिरी रमजान के तौर पर बिताएंगे। पता नहीं यह सुनहरा मौका दोबारा मिलेगा या नहीं। यह रमजान हमारे जीवन में एक निर्णायक मोड़ होगा। आइए हम संकल्प करें कि इस बार पूरे एक महीने के अभ्यास और प्रशिक्षण से हम अपने जीवन को पूरी तरह से बदल देंगे। इस एक महीने के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के माध्यम से हमारा शरीर और हमारा दिल और दिमाग अच्छाई का अभ्यस्त हो जाएगा और बुराई से दूर हो जाएगा। बड़ा अभागा होगा वह जिसे यह बरकत वाला महीना मिला और वह इसका लाभ न उठा सका।पिछले रमजान को याद करके उसमें कमियों और कमियों से बचकर मौजूदा रमजान को जिंदगी का आखिरी रमजान मानकर उसे पहले से बेहतर और बेहतर बनाने की कोशिश करें।

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