पोटका के जुड़ी गांव में क्षेत्रीय कलाकारों के अभिनय पर बांग्ला नाटक , मां रेखेछी माईने कोरे, बोऊ रेखेछी पाये धरे का मंचन
पोटका – पोटका प्रखंड अंतर्गत जुड़ी गांव में दुर्गा पूजा महानवमी के शुभ अवसर पर पल्लीमंगल समिति जुड़ी की ओर से भवानी अपेरा द्वारा बांग्ला नाटक ” मां रेखेछी माईने कोरे,बोऊ रेखेछी पाये धरे ” का मंचन ग्रामीण वरिष्ठ , अनुभवी एवं युवा कलाकारों के माध्यम से किया गया। इस उपलक्ष पर उपस्थित साहित्यकार सुनील कुमार दे ,वरिष्ठ सेवानिवृत्त शिक्षक रघुनंदन बनर्जी, सांसद प्रतिनिधि उपेंद्र सरदार, सेवानिवृत्त शिक्षक शंकर चंद्र गोप, सामाजिक कार्यकर्ता उज्जवल कुमार मंडल आदि कोई गणमान्य गण उद्घाटन समारोह में उपस्थित होकर कहे की आज से 15 साल पहले पोटका के कोई गांव में इस तरह के बांग्ला नाटक का मंचन किया जाता था ।मगर आधुनिकता के दौर में बांग्ला नाटक का मंचन अब प्राय लुप्त के कगार पर है जुड़ी एक साहित्य संस्कृति को पहचान दिलाने वाला गांव है जो इस पुरानी परंपरा एवं संस्कृति को बचा के रखा है ।इसके लिए जुड़ी के युवा वर्ग धन्यवाद के पात्र हैं। इन्होंने मां से प्रार्थना की की जुड़ी भवानी अपेरा इस परंपरा को अवश्य जीवित रखे।
मंच के चारों और भरे दर्शकों ने नाटक का भरपूर आनंद लिया। नाटक में दर्शाया गया कि आज हमारे समाज के हर परिवार में किस तरह अपना मां को पराया समझकर पत्नी को आदर्श माना जा रहा है और उसके फलस्वरुप क्या परिणाम हो रहा है ।जो हमें सीख लेने की जरूरत है। नाटक में मुख्य रूप से मृत्युंजय गोप, प्रणव भट्टाचार्य ,मधुसूदन भट्टाचार्य, पीयूष गोस्वामी,सहदेव सरदार, सुशांत सरदार, दिलीप भट्टाचार्य, हरे कृष्णा साहू, सदानंद पाईडा, रिक चटर्जी, आशीष बनर्जी, सागर स्वर्णकार, देव दुलाल भट्टाचार्य, नरसिंह गोप, नरेश पाल , दमयंती तपोषी ,ज्योत्सना मल्लिका,आदि कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया।