भारत को मध्यस्थ की भूमिका निभानी चाहिए – राजेश प्रसाद
चौनपुर/बड़गांव- पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के प्रदेश सचिव सह हजारीबाग,रामगढ़,कोडरमा के जिला प्रभारी राजेश प्रसाद ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत को मध्यस्थ की भूमिका निभानी चाहिए । यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने फोन कर भारत से मदद मांगी है । रूस से भारत की मित्रता का लम्बा इतिहास रहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तत्काल विदेश मंत्री एस जयशंकर को मास्को भेजकर रूस पर दबाव बनाना चाहिए, या खुद प्रधानमंत्री को रूसी राष्ट्रपति से मध्यस्थता को लेकर बातचीत करनी चाहिए । प्रदेश सचिव राजेश प्रसाद ने चौनपुर मे समाचार एजेन्सियों से लंबी बात की है ।
पहले विश्व शांतिदूत बनें
प्रदेश सचिव ने कहा कि दुनिया में कई देश फ्रांस, जर्मनी और इजराइल भी मध्यस्थता के लिए प्रयासरत हैं । इन देशों से भी भारत को मिलकर विश्व शांति के लिए सक्रिय भूमिका निभाने की जरूरत है विश्व गुरु बनने के लिए जरूरी है कि विश्व शांतिदूत पहले बनें ।उन्होंने आगे कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के सात दिन गुजरने पर विश्व पटल पर आर्थिक, विदेश नीति और कई देशों में क्या प्रभाव पडने वाला है ।
वही मौकें पर पत्रकारों ने प्रदेश सचिव राजेश प्रसाद से प्रश्न पुछा की रूस यूक्रेन युद्ध में भारत की भूमिका में पक्ष-विपक्ष का योगदान क्या होना चाहिए ?
प्रदेश सचिव ने इसका उतर देते हुए कहा की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1971 में पाकिस्तान युद्ध के समय विश्व फोरम पर बातचीत के लिए विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेयी को भेजा था । जयप्रकाश नारायण को भी कई सोशलिस्ट देशों में भारत का पक्ष रखने के लिए भेजा गया था । पक्ष और विपक्ष के नेता हमेशा एक प्लेटफाॅर्म पर रहे हैं । भारत का यह इतिहास रहा है लेकिन, वर्तमान केंद्र सरकार विपक्ष को महत्व नहीं देती है यह परंपरा भी अभी दिख नहीं रही है ।