*जयराम महतों के महुआटांड दौरे को लेकर प्रदेश सचिव ने की मैराथन बैठक*
*खतियान की लड़ाई झारखंडियों की अस्मिता की लड़ाई है : प्रदेश सचिव राजेश प्रसाद*
संवाददाता – हंसराज चौरसिया
रामगढ़/झारखंड- झारखंड भाषा संघर्ष समिति के नेता जयराम महतो के महुआटांड आगमन को लेकर पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के प्रदेश सचिव सह हजारीबाग,रामगढ़,कोडरमा के जिला प्रभारी राजेश प्रसाद की अध्यक्षता गुरुवार को महुआटांड खेल मैदान में आयोजित एक बैठक संपन्न बैठक हुई। बैठक मे जयराम महतो के महुआटांड दौरे को लेकर रणनीति बनाई गई। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश सचिव राजेश प्रसाद ने किया साथ ही युवाओं को संबोधित करते हुए कहा की झारखंड में भोजपुरी, मगही नाय चल देबो। 1932 के खतियान के लागू करे होतो। बिनोद बिहारी महतो अमर रहे। हेमंत सोरेन मुर्दाबाद की नारेबाजी करते हुए आगे उन्होंने कहा
21 साल के बाद झारखंड और झारखंडियों ने अंगड़ाई ली है। खोरठा भाषा में बोलते हुए कहा कि जमीन हमारी और नौकरी बाहरी करेंगे। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राजेश ने युवाओं से पूछा कि बिहार बिहारियों का है । गुजरात किसका गुजरातियों का। बंगाल किसका बंगालियों का तो झारखंड किसका भीड़ से आवाज आई झारखंडियों का। झारखंड राज्य के लिए झारखंड के जिन शहीदों ने कुर्बानी दी। आज वे गुमनामी के अंधेरे में हैं। सांसद और विधायक कौन बने। वही मौके पर मौजूद पत्रकारों से बातचीत करने पर प्रदेश सचिव राजेश प्रसाद ने कहा की जयराम महतों के महुआटांड आगमन को लेकर सारी रणनीति बना ली गई है । भाषा का आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंन कहां कि मुंबई, कोलकाता, तमिलनाडु आदि राज्य अपनी भाषा के बदौलत ही विकास किया है। झारखंड भी अपनी भाषा के बदौलत ही विकास करेगा। भाषा की लड़ाई झारखंडियों की अस्मिता की लड़ाई है। झारखंड के सभी नौकरियों पर झारखंड के लोगों का अधिकार है ।
मौकें पर उपस्थित लोगों मे प्रदेश सचिव राजेश प्रसाद, युवा जिलाध्यक्ष बादल कुमार, लोकनाथ प्रसाद, आकाश कुमार यश, गौतम देवा, कंचन कुमार, कुलदीप कुमार, गुलाब महतो, प्रकाश महतो, अनवर राही, धनेश्वर महतो, खिरोधर महतो, पारसमणि, लालेश्वर महतो, कजरू महतो आदि दर्जनों लोग उपस्थित थे ।