भामाशाह सरस्वती शिशु विद्या मन्दिर बरही में गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की मनाई गई जयंती
प्रश्नमंच प्रतियोगिता, गणित दौड़, भाषण एवं गिनती प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
संवाददाता : बरही
भामाशाह सरस्वती शिशु विद्या मन्दिर बरही में कक्षा चतुर्थ से कक्षा दशम तक के सभी भैया बहनों ने अपने देश के अनमोल रत्न श्रीनिवास रामानुजन का जयंती मनाया। जयंती पर विद्यालय में प्रश्नमंच प्रतियोगिता, गणित दौड़,भाषण, एवम् गिनती प्रतियोगिता का आयोजन किया। प्रश्नमंच में कक्षा अष्टम अ के भैया ने प्रथम स्थान कक्षा अष्टम ब एवम् दशम अ संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान और कक्षा दशम ब तृतीय स्थान प्राप्त किया। विद्यालय के गणित आचार्य निर्भय कुमार सिंह ने रामानुजन के जीवन पर प्रकाश डाला। प्रधानाचार्य रजनीश कुमार पांडेय ने कहा कि ये दिवस गणित से प्रेम करने वाले श्रीनिवास रामानुजन की जयंती के मौके पर मनाया जाता है। भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को मद्रास में हुआ था।
ज्यादातर विद्यार्थियों को जिस विषय से डर लगता था, उस विषय से रामानुजन प्रेम करते थे।उन्हें गणित का जादूगर भी कहा जाता था।उन्होंने गणित में कई उपलब्धियां हासिल की थीं। महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 में तमिलनाडु के इरोड में एक ब्राह्मण अयंगर परिवार में हुआ था।उनका पूरा नाम श्रीनिवास अयंगर रामानुजन था।बचपन से ही उन्हें गणित में रुचि थी जिसकी वजह से उन्होंने महज 12 साल की उम्र में त्रिकोणमिति में महारत हासिल कर ली थी।उन्होंने लंदन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एस. एल. लोनी की विश्व प्रसिद्ध त्रिकोणमिति पर लिखित पुस्तक का अध्ययन कर लिया और मैथमेटिकल थ्योरी बनाई थी।उन्होंने कुंभकोणम के सरकारी कला महाविद्यालय में छात्रवृत्ति हासिल की।