श्रीदस इंटरनेशनल स्कूल में हिंदी दिवस पर कविता गायन व पुस्तक पाठन प्रतियोगिता का हुआ अयोजन
मन की भाषा, प्रेम की भाषा
हिंदी हमारे राष्ट्र की भाषा : रोहित सिंह
संवाददाता : बरही
देवचंदा मोड़ स्थित श्रीदस इंटरनेशनल स्कूल में सम्मान एवं हर्षोल्लास के साथ विधार्थियों एवं शिक्षकों के द्वारा मनाया गया हिंदी दिवस। इस सुअवसर पर विद्यालय में हिंदी पखवाड़ा मनाया गया। इस मौके पर विद्यालय प्राचार्य रोहित सिंह ने राष्ट्र भाषा हिंदी की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि हिंदी प्रेमियों के लिए जीवन का सहारा है। भारत की आजादी के बाद सबसे बड़ा मुद्दा भाषा का था, जिसे भारतीय संविधान सभा ने बड़े विचार विमर्श के बाद हिंदी को राज भाषा का दर्जा देकर सुलझाया। 14 सितंबर 1949 में हिंदी को राज भाषा के रूप में स्वीकारा गया और पहली बार 1952 में हिंदी दिवस का आयोजन किया गया। हिंदी आज अपने प्रभाव से पूरे विश्व की नंबर एक भाषा बनने की ओर अग्रसर है।साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी देश को जोड़ने वाली भाषा है। देश की स्वतंत्रता और विकास में हिंदी भाषा का अहम योगदान है। हिंदी से हिंद है। भारत में हिंदी दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। जिसे हिंदी पखवाड़ा भी कहा जाता है। हिंदी को मन की भाषा कहा जाता है, यह मन के बंद ताले को खोल सकती है। हमारी आत्मा और ज्ञान का पथ बोल सकती है। यह महज भाषा नहीं बल्कि भारतीयों को एकता के सूत्र में पिरोती है। यह दुनियाभर के भारतीयों को भावनात्मक रूप से एक साथ जोड़ने का काम करती है। इस हर्षोल्लास अवसर पर विधार्थियों ने देश में हिंदी भाषा का महत्व व संस्कृति में योगदान पर छात्रों ने अपने विचार प्रकट किए।
जिन छात्र -छात्राओं इस प्रतियोगिता में भाग लिया उनमें अवनी सिंह, अलीजा, अवंतिका, सूरज, अयांश, आकांक्षा, तमन्ना, ज्योति, संजना, परी लक्की, मेघा, प्रीति, सौरभ, नमन, अभिनव आदि शामिल थे।