इतिहास के पन्नों में दर्ज़ हो संथाल विद्रोह की ये घटना : विकास राणा
जालियाँवाला बाग़ की घटना से बड़ी घटना है संथाल विद्रोह की ये घटना : अजय कुमार
हुल दिवस पर सिद्धू-कान्हू के साथ उनके भाई चाँद-भैरव और बहन फूलो-झानो को भी किया गया याद
संवाददाता : हजारीबाग
30 जून को आजसू पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आजसू पार्टी के हज़ारीबाग जिला अध्यक्ष विकास राणा के नेतृत्व में हज़ारीबाग के सिद्धू कान्हू चौक स्थित भारत के स्वतंत्रता सेनानी वीर शहीद सिद्धू कान्हू की प्रतिमा पर फूलमाला पहनाकर श्रद्धांजलि अर्पित कर हुल दिवस मनाया गया। आजसू पार्टी के हज़ारीबाग जिला अध्यक्ष विकास राणा की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में आजसू पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सिद्धू-कान्हू के इस संथाल विद्रोह में उनके साथ उनकी बहन फूलो-झानो और उनके भाई चाँद-भैरव को भी याद कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिला अध्यक्ष विकास राणा ने कहा कि 30 जून 1855 को सिद्धू-कान्हू ने जमींदारी, महाजनी और अंग्रेजी हुकूमत के अत्याचार के खिलाफ संथाल सम्प्रदाय से डट कर विरोध करने का आह्वान किया और अंग्रेजी शासन को समाप्त कर दिया जाए और इसके खिलाफ सिद्धू कान्हू ने संथाल विद्रोह कर युद्ध का बिगुल फुक कर आन्दोलन का आगाज़ किया था। संथाल विद्रोह स्वतंत्रता आंदोलन का सबसे बड़ा आंदोलन था इस आंदोलन में लगभग 15000 ( पन्द्रह हज़ार ) से भी ज्यादा लोग शहीद हुए थे जिसे कि भारत के इतिहास के पन्नो में दर्ज़ नहीं किया गया है। इस आन्दोलन को इतिहास के पन्नों में दर्ज़ करना चाहिए ताकि सभी लोगों को इस संथाल विद्रोह की वास्तविक जानकारी सभी को होनी चाहिए। जालियाँ वाला बाग़ की घटना से बड़ी घटना है संथाल के विद्रोह की ये घटना। हुल दिवस के इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय वर्मा, केंद्रीय समिति सदस्य आनन्द सिंह, जिला कोषाध्यक्ष अजय कुमार, जिला सचिव विवेक कुमार राणा, महानगर अध्यक्ष आफ़ताब आलम, नगर सचिव अविनाश कुमार पिंकू, महिला मोर्चा की केन्द्रीय सचिव संगीता बारला, महिला जिला अध्यक्ष सुहानी एक्का, कुमार सूरज, आजसू के वरिष्ठ नेता मो यूनुस हुसैन, कटकमदाग प्रखण्ड अध्यक्ष अवध किशोर साव, प्रमोद कुमार वर्मा, सदर प्रखण्ड अध्यक्ष ओम प्रकाश देव, दारू प्रखण्ड अध्यक्ष राजू प्रसाद, आजसू के वरिष्ठ नेता अशोक प्रसाद कुशवाहा सहित अन्य लोग शामिल थे।