भक्ति के रस मे डूबा प्रखण्ड वासि जगह- जगह श्रीमद् भागवत तो कहीं कीर्तन का आयोजन
झारखण्ड न्यूज 24 संजय गोस्वामी फतेहपुर
फतेहपुर प्रखण्ड क्षेत्र के जगह- जगह श्रीमद् भागवत कथा तो कहीं कीर्तन के लेकर प्रखण्ड वासि भक्ति में डूबा हुआ है एंव डुमरिया ग्राम में स्थित बजरंगवली मन्दिर परिसर में पिछले दिनो से श्रीमद् भागवत कथा को लेकर भक्तिमय वातावरण बना हुआ है शाम ढलते ही आम्बाबांक, सहबेड़िया, हरिराखा, पड़ासी, जलाई, नामुजलाई, तोड़ो, दलबेड़िया, चड़कादह ,समेत आसपास क्षेत्र के श्रीमद् भागवत कथा प्रेमी पहूँचते है वृंदावन धाम के कथावाचक नितिन देव शास्त्री जी ने श्रीमद् भागवत कथा के बारे मे विशेषतार पूर्वक से बताया कि मन को शांत कर कष्टों को हरता है कीर्तन श्रीमद्भागवत में भजन-कीर्तन करना यज्ञ समान मना गया है। जिस तरह से प्रार्थना करने से शक्ति मिलती है, ठीक उसी तरह कीर्तन एंव भागवत करने से आत्मशक्ति बढ़ाता है। भजन गीत करना मन और तन को शुद्ध करता है भजन-कीर्तन करने से तनाव दूर होता है भजन-कीर्तन करना ईश्वर के करीब लाता है भगवान ने खुद ये कहा है कि वे पांच कामों से बेहद खुश होते हैं। साधु-संग ,नाम- कीर्तन ,भगवत्-श्रवण ,तीर्थ वास और श्रद्धा के साथ श्रीमूर्ति सेवा को भगवान बेहद पसंद करते हैं। भजन – कीर्तन करने से केवल मन ही नहीं तन भी शुद्ध होता है। जब भी भक्त तन्मयता से भजन-कीर्तन करते हैं उनके मन में किसी भी तरह का राग-द्वेश नहीं रहता। भजन-कीर्तन करने से केवल भगवान की भक्ति ही नहीं होती बल्कि इससे मन की अशुद्धियां और दुगुर्ण भी दूर होते हैं। यही कारण है कि भजन-कीर्तन करने वालों के मन शांत होता है और जब वे किसी भी कार्य को करते हैं तो पूरी तन्मयता के साथ करते हैं। और कथावाचक नितिन देव शास्त्री के भजन से झुम उठें सैकड़ों संख्या पर कृष्ण भक्त मौके पर काफी संख्या में दर्शक एंव आयोजक कर्ता के सदस्य उपस्थित थे।