दीपावली में देशी मिट्टी के बने दिए हमारी संस्कृति की पहचान
बड़कागांव रितेश ठाकुर
बडकागांव में कुम्हारों के चाक से बने मिट्टी के दीपक इस बार आपके घरों को दीपावली के मौके पर जगमग कर देने के लिए तैयार हो रहे हैं। इस बार बेहतर कमाई होगी इसकी सोच के साथ बड़कागांव के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले कुम्हार और उसके परिवार के सदस्य जिसमें छोटे – छोटे बच्चे भी शामिल हैं, उनके द्वारा मिट्टी के दीपक, लक्ष्मी गणेश की छोटी-छोटी मूर्तियां, बच्चों को खेलने के लिए खिलौने एवं गुल्लक बनाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा कुम्हारों के चाक से बनने वाले दीपक से घरों को जगमगाने के लिए अपील की है, इसका असर भी बडकागांव में देखने को मिलेगा। इस आस में बड़े पैमाने पर कुम्हारों के परिवार मिट्टी के दिए बनाने में जुटे हैं। चाइनीस लाइट, झालर, चीनी मिट्टी से बने दीपक, इन दिनों सरकारी रोक के बावजूद आसानी से बाजारों में देखी जा रही है, परंतु अब तक इस पर रोक नहीं लगी है। दीपावली में देशी मिट्टी के बने दिए हमारी संस्कृति की पहचान है। दीपावली के अवसर पर चाइनीज आदि विदेशी दीयों पर प्रतिबंध लगने से देशी दीयों को बढ़ावा मिलेगा, लोगों में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। ” देशी वस्तुओं का इस्तेमाल करें ” का नारा धीरे-धीरे बुलंद हो रहा है और फिर से लोगों का रुझान मिट्टी के बनाए गए पारंपरिक दीपक और अन्य सामग्री की ओर बढ़ने लगा है। ऐसे में कुम्हारों की आस जगी है। अगर उन्होंने पारंपरिक व्यवसाय को बृहद पैमाने पर अपनाया तो सदैव आर्थिक रूप आगे भी बढ़ सकते हैं ।