ऑलमुंडा के ग्रामीणों ने अवैध बालू खनन को लेकर उपायुक्त गुमला को ज्ञापन सौंपा
सुधाकर कुमार गुमला
ऑलमुंडा के ग्रामीणों ने अवैध बालू उत्खनन करने वालों को खनन विभाग द्वारा संरक्षण देने के मामले में उपायुक्त गुमला को ज्ञापन दिया है। दिए गए पत्र में कहा है कि हमारे गांव और ओलमुंडा पंचायत जिला गुमला में कई वर्षों से अनेक बालू माफिया कोयल नदी से बालू का उत्खनन कर के बाहर ऊंचे दामों में बेच देते हैं। इसी क्रम में अभी तत्काल में हमारे गांव में जगह-जगह व गलत तरीके से बालू का उत्खनन करके डंप कर दिया गया है। मंगलवार को खनन विभाग के द्वारा ऑलमुंडा गांव आकर जांच किया गया लेकिन दोषियों पर कार्रवाई करने की जगह कंस्ट्रक्शन कार्य के लिए छोटे-छोटे बालू का जिक्र करते हुए गांव के निर्दोष लोगों के नाम पर प्राथमिकी दर्ज कर दिया गया है। जबकि इस अवैध कार्य में संलिप्त लोगों को तथा उनके अवैध बालू के ऊपर कोई करवाई नहीं किया गया है। इसके अलावा इन बालू माफियाओं के द्वारा लगातार अवैध बालू का उठाव के कारण कोईल नदी से कई जगहों पर बालू समाप्त हो गया है। और केवल मिट्टी दिखाई दे रहा है। बालू नदी से कम हो जाने के कारण यहां के जल स्रोतों कुआ तालाब इत्यादि में पानी खत्म होते जा रहा है। गर्मी के दिनों में गांव के ग्रामीण और मवेशियों के लिए पीने ग के पानी ग्रामीण के लिए उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। बालू का अवैध उत्खनन के लिए बड़े-बड़े ट्रक हाईवा और ट्रैक्टर गांव की सड़कों से लगातार गुजरती है। जिसके कारण यहां के सड़के खराब हो गई है। अब बरसात के दिनों में भी आने जाने में असुविधा होती है। यही नहीं अक्सर इन गाड़ियों के कारण गांव में दुर्घटना भी होते रहता है। इन गाड़ियों में कम मजदूरी देने के कारण ज्यादातर नाबालिग बच्चों से काम कराया जाता है। जिसके कारण वे बच्चे शिक्षा की ओर ध्यान न देकर नशा पान की ओर बढ़ रहे हैं। इन सब बातों से पता चलता है कि अवैध बालू खनन से ग्रामीणों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने कहा की खनन विभाग के संरक्षण में ऑलमुंडा गांव में बालू का अवैध उत्खनन किया जा रहा है इस पर रोक लगाने की आवश्यकता है।