रक्त खरीद बिक्री संबंधित मामले के आधार पर प्रतिदिन बिना पूर्व सूचना के नगर थाना के पदाधिकारियों द्वारा आकर ड्यूटी पर लगे सुरक्षाकर्मियों को उठाकर ले जाया जा रहा है।
रक्त केंद्र सदर अस्पताल देवघर में पदस्थापित सभी प्रयोगशाला प्रावैधिको के द्वारा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के माध्यम से सिविल सर्जन देवघर को पत्र लिखकर बताया गया है कि, रक्त खरीद बिक्री संबंधित मामले के आधार पर प्रतिदिन बिना पूर्व सूचना के नगर थाना के पदाधिकारियों द्वारा आकर ड्यूटी पर लगे सुरक्षाकर्मियों को उठाकर ले जाया जा रहा है। बताया गया है कि 1 जून 22 को रात्रि करीब 10:00 बजे पुलिस की टीम आई और रक्त केन्द्र में ड्यूटी पर मौजूद एक गार्ड को उठाकर ले गए, पुनः दिनांक 2 जून 22 को रात्रि 12:00 बजे बिना किसी पूर्व सूचना के पुलिस टीम आई और ड्यूटी पर मौजूद गार्ड को अपने साथ ले गई।
अंदेशा है की ऐसे ही ड्यूटी पर मौजूद प्रयोगशाला प्रावैधिको को भी बिना किसी सूचना के उठा लिया जा सकता है, , सभी प्रयोगशाला प्रावैधिक तनावग्रस्त होकर भय के माहौल में तकनीकी कार्यों को अंजाम दे रहे हैं! जिससे रक्त के लेनदेन में गड़बड़ी होने की संभावना है इस कारण लोगों की जान पर खतरा बन सकता है,!
वही कहा गया है की अवैध तरीके से रक्त लेनदेन के मामले में रक्त केंद्र के बाहर होने की बात साबित हो चुकी है तथा ब्लड बैग के दुकानदार और नर्सिंग होम के संचालक अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं !
इन्हीं बातों के आधार पर ब्लड बैंक की सुरक्षा तथा बिना पूर्व सूचना के ड्यूटी में कार्यरत कर्मियों को थाना द्वारा उठाए जाने के मामले पर रोक लगाने की मांग की गई है !
वही, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी रक्त केन्द्र देवघर के द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना के कर्तव्य स्थान से सुरक्षाकर्मियों को उठा कर लेजाने की सूचना सिविल सर्जन को दी गई है! इन दोनों पत्रों के आलोक में कोई कार्यवाही नहीं होने से रक्त केन्द्र में सभी कर्मचारी दहशत के माहौल में जी रहे तथा अंत में इन लोगों के द्वारा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में मामले में अपना पक्ष रखते हुए न्यायालय से बिना पूर्व सूचना के पुलिस द्वारा सरकारी कर्मियों को उठाए जाने के मामले रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की गई है, जिस पर न्यायालय के द्वारा आरक्षी अधीक्षक सहित नगर थाना को जरूरी दिशानिर्देश जारी की गई है!
जानकार बताते हैं कि शहर के नामचीन लोगों को बचाने के लिए छोटे छोटे लोगों को फंसाया जा रहा है, और बड़े लोगों के तरफ से लोगों का ध्यान हटाने के लिए जांच को रक्त केन्द्र के कर्मचारियों की तरफ मोड़ दिया गया है!
वहीं अपने कर्मचारियों के प्रति सिविल सर्जन की उदासीनता की चर्चा जोरों पर है, रक्त केन्द्र जैसे महत्वपूर्ण जगह पर रात्रि कालीन ड्यूटी पर कार्यरत सुरक्षा प्रहरियों को बिना सूचना के पुलिस के द्वारा उठा कर ले जाना सिविल सर्जन की कमजोरी को प्रदर्शित करता है!