बिहार के मशहूर होम्योपैथ डॉक्टर बी भट्टाचार्या के निधन पर प्रदेश सचिव राजेश प्रसाद ने जताया गहरा दुख
संवाददाता-हंसराज चौरसिया
राँची/झारखंड- बिहार के मशहूर होम्योपैथ डॉक्टर बी भट्टाचार्य का निधन हो गया है। उनके निधन की खबर सुनकर लोगों में दुख की लहर फैल गई। डॉक्टर भट्टाचार्य रविवार की सुबह सात बजकर 30 मिनट पर पटेल नगर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली । डॉक्टर बी भट्टाचार्य का निधन 97 साल की उम्र में हुआ है। वे बिहार के जाने माने चिकित्सक थे। वे गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए विख्यात थे । डॉक्टर बी भट्टाचार्य के निधन पर झारखंड पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के प्रदेश सचिव सह बीसीएस के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष राजेश प्रसाद ने शोक संवेदना व्यक्त की है । प्रदेश सचिव ने इसे चिकित्सा जगत में अपूरणीय क्षति बताया है ।
प्रदेश सचिव राजेश प्रसाद ने शोक संवेदना व्यक्त की
प्रदेश सचिव सह बीसीएस के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष राजेश प्रसाद ने कहा की डॉ बी भट्टाचार्य होम्योपैथी के प्रसिद्ध डॉक्टर थे । वो बेहद सरल स्वभाव के लिए जाने जाते थे। उनका मरीजों के साथ आत्मीय संबंध रहता था। उन्हें होम्योपैथ चिकित्सा का चरक भी कहा जाता था । डॉ बी भट्टाचार्य के निधन से चिकित्सा जगत को अपूरणीय क्षति हुई है । प्रदेश सचिव ने दुख की इस घड़ी में डॉक्टर भट्टाचार्य के परिजनों को धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है ।
वही पत्रकारों से राजेश प्रसाद ने कहा की डॉक्टर बी भट्टाचार्य ने पटना में 1950 के दशक में बिना फीस के चिकित्सीय सेवा की शुरुआत की थी । उन्होंने पटना के कदमकुआं इलाके में मात्र 2 रुपये की फीस पर लोगों का इलाज करते रहे । सुबह 5 बजे क्लिनिक में बैठते और रात 11 बजे तक मरीज देखते रहते थे। सन 1972 में वे पटना के पटेल नगर आये, और तब से लंबे समय तक डॉ बी भट्टाचार्या के नाम से पटेल नगर का इलाका जाना जाने लगा । बिहार समेत सूदूरवर्ती इलाकों और दूसरे राज्यों से भी लोग कई असाध्य रोगों के इलाज के लिए उनके पास आते थे ।
जबकि उन्होंने आगे कहा की अपॉइंटमेंट की लाइन और कतार इतनी बड़ी होती थी कि कहा जाता है रात 2 बजे से ही मरीज या परिजन अपने नाम की ईंट लगाकर अपने समय का इंतजार करते रहते थे ।