आईसेक्ट विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाई गई सरस्वती पूजा
श्रद्धा और विश्वास के साथ हुआ सरस्वती पूजन
सरस्वती, ज्ञान की अदृश्य नदी के निरंतर प्रवाह का प्रतीक : डॉ मुनीष गोविंद
हजारीबाग
आईसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग के तरबा-खरबा स्थित विश्वविद्यालय के मुख्य कैंपस में श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ सरस्वती पूजा मनाई गई। इस मौके पर विश्वविद्यालय परिसर में आकर्षक सज्जा के साथ मां सरस्वती की आकर्षक प्रतिमा स्थापित कर विधि पूर्वक पूजा अर्चना की गई। बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं भी पूरी श्रद्धा के साथ पूजा में शामिल हुए और विद्या की देवी मां शारदे की अराधना की। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना और आरती गायन किया। इसके बाद मौजूद सभी लोगों के बीच प्रसाद वितरण किया गया।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक ने इस मौके पर कहा कि सरस्वती पूजन से पूर्व गणेश वंदना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि सरस्वती मां ज्ञान देती हैं तो गणेश जी उसके सदुपयोग के लिए विवेक प्रदान करते हैं। वहीं विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने कहा कि सरस्वती ज्ञान की अदृश्य नदी के निरंतर प्रवाह का प्रतीक है और प्रेरणा की रोशनी को हमेशा प्रज्ज्वलित रखने के लिए प्रकृति के सभी रंगों के पूर्ण खिलने का प्रतिनिधित्व करती है।
उन्होंने हर किसी को ज्ञान का शुद्धतम स्वरूप प्राप्त होने की कामना की। इस मौके पर डीन एडमिन डॉ एस रथ, एआर एकेडमिक माधवी मेहता, एआर परीक्षा विभाग ललित मालवीय, डीन एकेडमिक एमके मिश्रा, सीएसआईटी डीन डॉ बिनोद कुमार, डॉ अरविंद कुमार, डॉ रोजीकांत, डॉ राजकुमार, डॉ दिवाकर निराला, डॉ प्रीति व्यास, डॉ आलोक कुमार, डॉ श्वेता सिंह, डॉ एसपी विश्वकर्मा, डॉ मनीषा कुमारी, डॉ सोनी मेहता, डॉ बिनिता कुमारी, डॉ पूनम चंद्रा, रविकांत, राजेश रंजन, सबा प्रवीण, प्रभात किरण, अजीत पासवान, प्रभात कुमार, अमित कुमार, विजय लाल, सुप्रिया कुमारी, पंकज प्रज्ञा, संजय दांगी, मुकेश कुमार, सुरेश कुमार, सीमा कुमारी, राजेश कुमार, एकता कुमारी, पूजा सिंह, नेहा सिन्हा, राज तिवारी सहित कई प्राध्यापक-प्राध्यापिकाओं व कर्मियों के अलावा बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद थे।