आदिवासियों के नाम पर अपनी राजनीति रोटी सेंकना बंद करें बंधु तिर्की: सन्नी उरांव
झारखंड न्यूज 24
मांडर
आज दिनांक 16 जनवरी दिन मंगलवार को जनजाति सुरक्षा मंच के प्रदेश युवा संयोजक सन्नी उरांव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर 4 फरवरी को कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ईसाई बंधु तिर्की के नेतृत्व में ईसाई मिशनरियों द्वारा डीलिस्टिंग के विरोध में होने वाले आदिवासी एकता रैली का विरोध किया है सन्नी उरांव ने कहा कि ईसाई बने लोग आज डीलिस्टिंग के डर से एकता की बात कर रहे हैं जो हम मूल आदिवासियों के पीछे से खंजर मारने जैसा है , शुरू से ही आदिवासियों की रीति रिवाज परंपरा पूजा पद्धति को ग़लत बताकर आदिवासियों का बड़े पैमाने पर ईसाई मिशनरियों ने धर्मांतरण कराया है , ईसाई मिशनरी और उनके पोषित संगठन वर्षों से हमलोगों द्वारा किए जा रहे डीलिस्टिंग की मांग को गलत तथा असंवैधानिक बता रहे हैं जो कहीं सही नहीं है डीलिस्टिंग को गलत बताने वाले संगठन और लोग नहीं चाहते कि आदिवासियों को उनको उनका वाजिब हक अधिकार मिले , पूरे झारखंड में रूड़ी प्रथा परंपरा को मानने वाले आदिवासी जनजाति के लिए आरक्षित विधायक ,सांसद , मुखिया , सरपंच , जिला परिषद अध्यक्ष जैसे एकल पदों पर गलत तरीके से ईसाई लोग बने हुए हैं
वहीं नौकरी के क्षेत्र में भी ऐसे ही धर्मांतरित ईसाई लोग गलत तरीके से हमारे आरक्षण का लाभ ले रहे हैं और नौकरी कर रहे हैं , वहीं अन्य जाति के भी लोग हमारे बहन बेटी को उनका भी गलत उपयोग कर रहे हैं
इन्हीं सारे विषय को देखते हुए हम सभी डीलिस्टिंग का मांग कर रहे हैं और यह मांग संवैधानिक है
ईसाई मिशनरी और उनके पोषित संगठन हम लोगों पर बांटने की बात कर डीलिस्टिंग का विरोध कर रहे तो मैं कहना चाहूंगा कि आदिवासियों को उनके मूल रूड़ी प्रथा परंपरा रीति रिवाज पूजा पद्धति से दूर कर आपस में बांटने का काम ईसाई मिशनरियों ने किया है , रैली करने से नहीं आदिवासी एकता तभी संभव है जब सारे ईसाई बने लोग चर्च छोड़ पुनः अपने मूल रूढ़ि प्रथा परंपरा में सभी वापस आयेंगे, तथा ईसाई मिशनरियो द्वारा अवैध तरीके से कब्जा की गई आदिवासियों की सीएनटी की जमीन को वापस दिलाएंगे ।