नशीली दवाओं के सेवन से लोगो की जिंदगी हो रही है बर्बाद
तारिक अनवर साहेबगंज झारखंड
गोड्डा जिले के ठाकुर गंगटी प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बुधवाचक,इंदरचक और माल मंडरो सहित साहेबगंज जिला के बढ़खोरी, भीमचक आदि गांव में हर दिन नशीली दवाओं की खरीद फरोख्त खुले आम हो रहा है। चाय दूकान से लेकर पान दुकान, किराना दुकान और यहाँ के साधारण मेडिकलों में बिना डॉक्टर की पर्ची के नशीली दवा जो सिरप के रूप में रहता है, खुले आम बिक रहा हैं।
गाँव में स्थित तालाबों के किनारे,खेतो में, नालियों में हजारों की संख्या में नशीली दवाओं के सिरप बिखरा पड़ा हैं। ऐसा नहीं है कि प्रशासन की नजर में यह मामला छुपा हुआ है, मुख्य सड़क पर भी जहां तहां कोडिंग आदि जैसी कई नशीली दवाओं की शीशियां गिरी हुई मिलती है, इससे साफ प्रतीत होता है की स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को इसकी जानकारी कहीं न कहीं है, फिर भी नजरंदाज करते हुए चल रहे हैं। नशीली दवाओं के सेवन से क्षेत्र में अभी स्थिति काफी दयनीय हैं क्यूंकि इसकी चपेट में छोटे छोटे बच्चे संलिप्त हो रहे हैं। शाम होते ही झोला दर झोला बिकना शुरू हो जाता है।
नशीली दवा जिनको कोडिंग आदि जैसे और कई नाम रखा गया है, बच्चों में इसकी लत लग चुकी है। ये नशीली दवा कोडिंग पुरे समाज के लोगों को घृणित कर रहा है जिनमें सभी धर्मों के लोग शामिल हैं। प्रशासन की चुप्पी और कोडिंग की बढ़ती मांग समाज को बद से बदतर दिशा में ले जा रहा हैं। स्थानीय लोग बेहद परेशान है क्यूंकि एक से दुसरे फिर दुसरे से तीसरे में ये नशा का चलन बढ़ता जा रहा है।
न जाने ग्राम पंचायत के प्रधानों की चुप्पी कब टूटेगी और इन सब नशीली दवाओं पर अंकुश लगेगा।आसपास के कुछ बुद्धिजीवी लोग का कहना है इसके सेवन से कई लोग गंभीर बीमारी से ग्रसित भी हो चुके है, लेकिन लोगो के द्वारा इसका इस्तेमाल करना अभी भी कम नहीं हुआ है, इसके सेवन के नौजवान जब पैसे खत्म हो जाते हैं तो घर की चीजों को बेचने लगते है,तो कोई चोरी भी करने लगता है, क्योंकि यह एक ऐसा नशा है जो लत लगने के बाद छोड़ना असंभव जैसा लगता है। अब ना जाने यह लत कब लोगों को छूटेगी, जिससे सैकड़ों लोगों की जिंदगी सुरक्षित रहेगी।।अगर यह नशा लोगो से नहीं छूटा तो एक दिन सैकड़ों लोगों की जिंदगी तबाह हो जायेगी, तब शायद सुधार करना आसान नहीं होगा।