जीविकोपार्जन के लिए चला रहे होटल व दुकान को बचाने को लेकर पीड़ित ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से लगाया गुहार
संवाददाता : बरही
बरही प्रखंड के कोनरा सामंतो पंप निवासी कृष्णा यादव पिता स्व. जीतन यादव ने प्रधानमंत्री, सूबे के मुख्यमंत्री, हजारीबाग जिला आयुक्त, उपायुक्त एवं मानवाधिकार को लिखित आवेदन देकर अपने जीविकोपार्जन के लिए चला रहे दुकान व होटल को बचाने का गुहार लगाया है। लिखित आवेदन के माध्यम से उन्होंने उक्त सभी को अवगत कराते हुए लिखा है कि उनके पिता जीवित काल में ही मौजा कोनरा, थाना बरही, थाना नम्बर 72 जिला हजारीबाग के खाता नम्बर 78/63 प्लॉट नम्बर 1472 में लगभग रकवा 05 डीसमील जमीन लगभग 60 वर्ष पूर्व भगवान सिंह सरदार के द्वारा दखल कब्जा था। उस समय भगवान सिंह सरदार के द्वारा उक्त खाता प्लॉट की जमीन पर होटल बनाया गया था और होटल काफी चलता था जो बिल्कुल सत्य व सही है जो जाँच का विषय है, उसी में मेरे पिता काम करते थे। इनका कोई पुत्र नहीं था इस वजह से उक्त जमीन व होटल उनके पिता जी को दे दिये थे। होटल का नाम टेढा लाईन होटल के नाम से मसहुर है जो मेरे पिता का ही उपनाम टेढ़ा था। उसी समय से मेरे पिता दखल कब्जा में चले आ रहे है और उसी होटल व दुकान से मेरा तथा मेरे परिवार का जीविकोपार्जन होता है। जब मेरे पिता की मृत्यु हो गई तो कुछ राजनितिक दल एवं भू-माफिया के लोग विगत कुछ दिनों पूर्व मेरे घर के पीछे जमीन लेकर पोकलेन मशीन का गैरेज बनाकर रहना शुरू किए और हमेशा उनसे एवं उनकी विधवा माँ एवं उनकी पत्नी से लड़ाई झगड़ा व अभद्र व्यवहार करते आ रहे है।राजनितिक षडयंत्र के तहत उनकी जमीन में बने मकान को तोड़वाकर अपना रास्ता बनाना चाह रहे है क्योंकि सभी का पहुँच बड़े-बड़े मंत्री व विधायक से है। उपरोक्त लोगों से उन्हे तथा उनके परिवार के लोगों से खतरा बना हुआ है कभी भी उन्हें तथा उनके परिवार के साथ अनहोनी घटना घट सकती है। कहा कि उपरोक्त जमीन उनके अलावे अन्य लोगों का भी घर मकान व दुकान बना हुआ है तो अन्य लोगो को नोटिस न भेजकर बार-बार मुझे ही क्यों अतिक्रमण का नोटिस दिया जाता है, जो जाँच का विषय है। अगर उनके व उनके परिवार के जीविकोपार्जन का जो कि जायज साधन है, दुकान व घर छीन जाता है तो वह कृष्णा यादव, उनकी विधवा माँ, उनकी पत्नी व उनके दो बच्चे बेघर होकर भूखे मरने को मजबूर हो जाएंगे, उससे अच्छा है हम सभी लोग अपने उक्त होटल व दुकान में ही सामूहिक रूप से आत्मदाह कर लेंगे अन्यथा हमे प्रशासन बेवजह परेशान न करे एवं सरकार हमे न्याय दे।