May 18, 2024
Jharkhand News24
जिला

मणिपुर से वापस लौटे झारखंड के 21 छात्र, संजय मेहता ने सरकार को पत्र लिख कराया था अवगत

Advertisement

मणिपुर से वापस लौटे झारखंड के 21 छात्र, संजय मेहता ने सरकार को पत्र लिख कराया था अवगत

कैसे हुई वापसी ? रेस्क्यू के पीछे की पूरी कहानी…

Advertisement

संवाददाता : बरही

मणिपुर में हुई हिंसा के बाद वहाँ के हालात चिंताजनक बने हुए हैं। हिंसा में कई लोगों की मौत हो जाने के कारण स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। हालांकि धीरे-धीरे स्थिति में सुधार हो रही है। सेना और पैरामिलिट्री फोर्सेस ने मोर्चा संभाल रखा है। इस बीच सुखद खबर है कि झारखंड के 21 छात्र राज्य वापस लौट चुके हैं।

मणिपुर में तीन मई से हिंसा के कारण हालात चिंताजनक हो गए। अलग-अलग कॉलेज एवं विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र समेत सभी लोग परेशान हो गए।

सभी घर आना चाहते थे, लेकिन कर्फ्यू के कारण बाहर निकलना मुश्किल था। छात्र भयभीत थे। अपने आँखों से ब्लास्ट और आगजनी की खबरों ने छात्रों को विचलित कर दिया था। खाने – पीने की समस्या थी।

छात्रों ने साधा संपर्क, ऐसे शुरू हुआ अभियान :

दिनांक 06 मई 2023 को गढ़वा जिला निवासी एनआईटी मणिपुर की छात्रा प्रियांशु पायल ने बरही के सामाजिक कार्यकर्ता संजय मेहता को संपर्क किया।

छात्रा प्रियांशु ने सूचना दी की यहाँ उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार के छात्र फँसे हैं। प्रियांशु ने मणिपुर का अपना पता आर डब्लू जे 7 + R 33, लंगोल रोड़, ल्मफेलपात, इम्फाल, मणिपुर बताया। प्रियांशु ने बताया की उड़ीसा सरकार अपने बच्चों को वापस लाने के लिए फ्लाइट भेज रही है। यदि हमें भी उसी फ्लाइट से उड़ीसा भेजकर झारखंड लाया जाए तो हम भी जल्दी घर पहुँच सकेंगे।

संजय मेहता ने उड़ीसा के मुख्य सचिव से किया संपर्क, उन्होंने जाहिर की असमर्थता :

इस बाबत संजय मेहता ने झारखंड के छात्रों को उड़ीसा तक वापस लाने के लिए उड़ीसा के मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना से अनुरोध की। 07 मई को उड़ीसा के मुख्य सचिव श्री जेना ने संजय मेहता को बताया कि उड़ीसा सरकार अपने बच्चों के लिए टिकट बुक कर उन्हें घर ला रही है। उन्होंने झारखंड के छात्रों को उड़ीसा लाने में विधिक असमर्थता जाहिर की। उन्होंने कहा कि आप यह सूचना झारखंड सरकार को दें।

गढ़वा उपायुक्त को दी गयी सूचना :

गढ़वा की प्रियांशु के मणिपुर में फँसे होने की सूचना संजय मेहता ने गढ़वा उपायुक्त शेखर जमुआर को दी। जिसपर उपायुक्त ने त्वरित संज्ञान लिया। इसके बाद राज्य मुख्यालय ने संजय मेहता से संपर्क साधा। राज्य मुख्यालय की रजनी तापे ने सूचनाओं को सत्यापित किया। श्रम विभाग के राजेश प्रसाद ने भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हुए सूचनाओं को सत्यापित किया।

छात्रा प्रियांशु और एनआईटी के डीन ने उपलब्ध कराई छात्रों की सूची :

छात्रा प्रियांशु ने फँसे हुए छात्रों की सूची उपलब्ध करवाई। साथ ही एनआईटी मणिपुर के डीन आशीष रंजन ने भी छात्रों की सूची उपलब्ध कराई। सरकार के हेल्पलाइन पर भी कुछ सूचना प्राप्त हुई। इसके पश्चात सभी सूचनाओं को दोबारा सत्यापित किया गया।

वंदना दादेल, अमिताभ कौशल की भूमिका रही सराहनीय :

संजय मेहता ने गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल को इसकी सूचना पत्र लिखकर दी। साथ ही विभाग के सचिव अमिताभ कौशल को भी इसकी सूचना पत्र लिखकर दी। अमिताभ कौशल ने इन सूचनाओं पर त्वरित संज्ञान लिया और कार्रवाई प्रारम्भ की। इस दौरान उड़ीसा की मूल निवासी और हजारीबाग की अधिवक्ता मोनालिसा को भी संजय मेहता ने सूचना दी। मोनालिसा लगातार सरकारी महकमे को सूचना देती रही और संपर्क में बनी रही। इस बावत इसकी सूचना मणिपुर के वेस्ट लामफेलपात जिले के उपायुक्त किरण कुमार को भी दी गयी। सूचनाओं के बाद पूरा सरकारी अमला सक्रिय हो गया।

कुछ लोगो ने आने से मना किया :

इस बीच सरकार को उपलब्ध कराई गयी सूची में कुछ लोगों ने निजी कारणों से आने से मना किया। क्योंकि उसमें कुछ छोटे बच्चे भी शामिल थे। सचिव अमिताभ कौशल ने संजय मेहता को सूचना दी की 7 लोगों ने निजी कारणों आने से मना कर दिया है।

अंतिम सूची में 21 छात्रों का टिकट बुक किया गया :

सभी सूचनाओं को सत्यापित करने के बाद अंततः झारखंड के 34 छात्रों की सूची को अंतिम रूप दिया गया। जिसमें 21 छात्रों का टिकट बुक किया गया।

इंडिगो की फ्लाइट, पटना लेकर आयी :

इंडिगो एयरलाइंस की एयरक्राफ्ट संख्या 6ई 9022 नौ मई की सुबह आठ बजकर चालीस मिनट पर इम्फाल से उड़ान भरी। जो दस बजकर पंद्रह मिनट पर पटना पहुँची। इसमें कुल 163 यात्री सवार थे जिसमें 142 छात्र बिहार के थे।

बिहार सरकार और झारखंड सरकार ने आपसी समन्वय से पूर्ण किया अभियान :

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को मणिपुर के मुख्य सचिव से संपर्क स्थापित कर बिहार के छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए कहा था। इस बीच झारखंड सरकार ने बिहार सरकार से समन्वय स्थापित कर पटना आ रही फ्लाइट में झारखंड के छात्रों की वापसी सुनिश्चित करवाई। झारखंड के छात्रों को पटना से बस के माध्यम से राँची लाया गया। वापसी के तुरंत बाद उनके लिए होटल में भोजन का प्रबंध किया गया। कुछ छात्र देर रात तक अपने-अपने घर पहुँच गए।

रात हो जाने के कारण राँची से दूर जाने वाले छात्रों को स्टेट गेस्ट हाउस, मोराबादी राँची में रात्रि विश्राम करवाया गया। 18 छात्र राँची पहुँचे और तीन छात्र पटना से ही अपने आवास निकल गए।

किन-किन संस्थाओं के हैं छात्र :

वापस लौटे छात्र नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, मणिपुर, आईआईटी मणिपुर, एनआईटी इम्फाल, कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर के हैं।

मुख्यमंत्री का जताया आभार :

इस रेस्क्यू अभियान में सरकार की गंभीरता एवं त्वरित कार्रवाई ने रेस्क्यू अभियान को सरलतापूर्वक सम्पन्न किया। संजय मेहता ने सीएम हेमन्त सोरेन के प्रति आभार जताया और कहा कि सरकार ने इस मसले में अपना रुख काफी सकारात्मक रखा। सूचनाओं पर तुरंत कार्रवाई हुई यह स्वागतयोग्य है।

संजय मेहता ने लॉक डाउन में भी निभाई थी बड़ी भूमिका :

ज्ञात हो कि लॉकडाउन के दौरान भी संजय मेहता ने मजदूरों को घर लाने के लिए अभियान चलाया था। इस दौरान उन्होंने 191 मजदूरों को फ्लाइट से घर लाया था। उन्होंने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य के 17 बिंदुओं पर दुबई में आयोजित कांफ्रेंस में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। संजय मेहता ने झारखंड के लोगों के लिए मणिपुर संकट के दौरान हेल्पलाइन 9430195900 जारी किया है।

Related posts

अग्निपथ योजना के विरोध मार्क्सवादी युवा मोर्चा के बैनर तले पीएम का पुतला दहन किया गया

hansraj

उपायुक्त के निर्देश पर टीम ने बरकट्ठा में चल रहे नर्सिंग होम एवं ग्रामीण चिकित्सकों की जांच किया

hansraj

वेक्टर क्लासेस के छात्र नीतीश कुमार को jee mains क्वालीफाई करके एनआईटी में नामांकन

hansraj

भाजपाईयों ने साथ बैठकर सुना 101वीं मन की बात का प्रसारण, बताया राष्ट्रहित के लिए अनिवार्य

hansraj

कोडरमा में बदलाव संकल्प सभा को संबोधित करेंगे संजय मेहता, 03 अगस्त को उमड़ेगा जनसैलाब

jharkhandnews24

जन वितरण प्रणाली मैं हो रही ई पोस मशीन से लेकर खाद्यान्न वितरण तक के परेशानी को दूर करने में प्रशासन विफल, लाभुकों में आक्रोश

hansraj

Leave a Comment