May 2, 2024
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जीवन है अनमोल – मोटरसाइकिल सड़क दुघर्टनाओ से सबक ले आज के युवा : कमल शंकर पंडित

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जीवन है अनमोल – मोटरसाइकिल सड़क दुघर्टनाओ से सबक ले आज के युवा : कमल शंकर पंडित

संवाददाता : बरही

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आज के समय में आये दिन किसी न किसी कारण से सड़क दुर्घटनाएं होती रहती है। सडक दुर्घटना में आज के समय में मोटरसाइकिल से अधिकतर युवा वर्ग के लड़के होते हैं। उनकी उम्र मात्र 15 से 20 वर्ष के होते हैं। वैज्ञानिकों ने मोटरसाइकिल का अविष्कार कम समय में जल्दी पहुंच कर समय के बचत करने के लिए बनाए थे परन्तु नियम संगत संयम से नहीं चलाने के कारण ह्रदय विदारक दुर्घटनाएं होती रहती है जो परिवार के लिए असहनीय होता है। इसके लिए कुछ उनके अभिभावक भी जिम्मेदार होते हैं। सड़क पर गाड़ी किस तरह चलाना है उसे नियम की मालूम ही नहीं होता है और न ही उसे बताया जाता है। ज्यादातर सड़क दुघर्टना के मामले में बच्चे ही शामिल हैं क्योंकि वो दूसरे आयु वर्ग के समूह से ज्यादा खतरे पर होते। उन्हें अपनी शुरुआती समय से ही सड़क सुरक्षा का ज्ञान और शिक्षा की जरूरत है। उनके पाठ्यक्रम में इसे विषय के रूप में जोड़ने के द्वारा उनके घर और स्कूल से इसकी शुरुआत होनी चाहिए। अब समझने की बात यह है कि जब माता पिता बच्चे को पैदा करते हैं तो माता पिता को लगता है कि मैं एक बच्चे का माता पिता बना और इसे अच्छा से इसका लालन पालन करते हुए अच्छे शिक्षा दे कर एक सभ्य समाज एवं भविष्य के लिए माता पिता का सहारा बनेगा।

जैसे जैसे बच्चे बढ़ने लगता है उनकी शौक की इच्छाएं बढ़ने लगती है। और बच्चे अपने मां बाप से शौक पूरा करने का इच्छा जाहिर करते हैं। उन्हीं में से हैं एक मोटरसाइकिल, जब बच्चा अपने माता पिता से मोटरसाइकिल की शौक जाहिर करता और बच्चे के लिए मोटरसाइकिल खरीद देता है परन्तु बच्चे को मोटरसाइकिल चलाने की सडक सुरक्षा की शिक्षा नहीं दी जाती है, उन्हें अच्छी संस्कार नहीं दिया जाता है। जिसके कारण बच्चे अपने मन मर्जी के अनुसार सड़क पर मोटरसाइकिल चलाते हैं। वह इस कदर सडक पर मोटरसाइकिल चलाता है मानो कोई आकाश से हवा नीचे उतर रहा है और इसी का कारण दुर्घटना होती है। उसे खुद नुकसान होता ही है। वह अपनों के साथ साथ दूसरे को भी गंभीर नुकसान देता है। मोटरसाइकिल का स्पीड एक सीमा तक ही चलाएं जितना आप मोटरसाइकिल को कंट्रोल में रख सकते हैं। कंट्रोल से बाहर स्पीड करने से कभी भी अप्रिय घटनाएं हो सकती है। रोड पर बच्चे कभी कभी ऐसा स्टंट कर मोटरसाइकिल चलाते हैं जो देखता है उसका शरीर सीहर जाता। ऐसे चालकों पर अगर पुलिस प्रशासन कर्रवाई करती है तो उसे छुड़ाने के लिए अभिभावक से लेकर नेता तक पैरवी करने लगते हैं परंतु उसे मोटरसाइकिल चलाने के बारे में सीखाते नहीं है और न संस्कार देते हैं।

ऐसी घटना चाहे बड़कागांव की मोटरसाइकिल दुर्घटना हो या चौपारण प्रखंड के पाण्डेय बारा की घटना हो या अन्य जगहों का सबकी स्थिति मोटरसाइकिल चलाने की लापरवाही,। ऐसे ह्रदय विदारक घटना से किसी घर की खुशीयों के साथ माता पिता का भविष्य का सहारा खतम हो जाता है। इस लिए मोटरसाइकिल जब भी चलाएं सावधानी बरतें आपके एक गलती से अपने के साथ दूसरे को नुक़सान न दे। मोटरसाइकिल चलाते समय हमेशा हेलमेट का प्रयोग अवश्य करें। ट्रैफिक नियमों का पालन हमेशा करें।

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