बकरी पालन की व्यवसाय करके जीवन यापन करे किसान – डॉ आरसी मेहता
शिव शंकर शर्मा
इचाक : खेती बारी के साथ बकरी फार्म का व्यवसाय कर सफल जीवन यापन करके किसान अपनी बेरोजगार को दूर कर सकते है। किसान धान, दाल, चावल के साथ नगदी फसल जैसे साग सब्जी पपीता का ज्यादा से ज्यादा खेती करे ताकि बकरी पालन करने मे काफी सहूलियत होंगी और व्यवसाय मे भी उभरती नज़र आएगी। इस व्यवसाय को उन्नती रोजगार बना सकते है यहाँ तक बैंको से भी ऋण की साधन दिया जाता है! यह बातें कांग्रेस के प्रमंडलीय हेल्थ अध्यक्ष एवं झा कुशवाहा महासभा के केंद्रीय मुख्य सलाहकार डॉ आरसी मेहता ने डुमरौन के बकरी फार्म के निरीक्षण के दौरान कहा। डॉ मेहता ने बताया की अन्य व्यवसाय के तुलना में बकरी पालन करना बहुत ही आसान है और काफी लाभप्रद देने वाला व्यवसाय है। यह व्यवसाय कम से कम 100 बकरी से शुरूआत करके लाखों रुपए का महीना कमाया जा सकता है इसके लिए जिला पशुपालन एवं सहकारिता विभाग से संपर्क कर प्रशिक्षण भी लें सकते है सरकार के द्वारा भी काफी सहयोग प्रदान करती है।
भारत में मुख्य रूप से बकरी के पांच प्रजातियां पाई जाती है! जिसमे मुख्य बरबरी बकरी, ब्लैक बंगाल, बीटल गोट, जमुनापारी, ओस्मानाबादी बकरी,
ब्लैकबेरी, रूप से पाई जाती है झारखंड बंगाल बिहार असम मेघालय त्रिपुरा के जलवायु के लिए उपयुक्त है! नौजवान, बेरोजगार एवं किसानों के लिए सुझाव दिया जाता है कि कम से कम 10 कट्ठे भूमि में बकरी फार्म का व्यवसाय शुरू किया जा सकता है 5 कट्ठा में हरी घास ज्वार मक्का की खेती कर प्रत्येक दिन हरि घास या ज्वार मक्का की पत्तियां बकरियों को खिलाएं। पीपल के पत्ता बकरी के के लिए उपयुक्त है पीपल के पत्ता खाने से बकरियां का जीवनी शक्ति भरता है और कभी बीमारी भी नही होता है इसलिए फार्म के आसपास पीपल-बरगद का पेड़ लगाएं और जिसका उपयोग बकरी को खिलाने में करें। एक साथ दो काम हो जायेगा आपका फसल भी बर्बाद नहीं होंगी और व्यवसाय मे भी काफी बरकत नज़र आएगी