झारखंड सरकार को सिर्फ मुसलमानों के वोट से मतलब है उनकी बुनियादी जरूरत से नहीं – बलियावी
एम – रहमानी जामताड़ा
जामताड़ा : मरकजी एदारा ए शरिया के अध्यक्ष पूर्व सांसद राज्यसभा मौलाना गुलाम रसूल बलियावी पालोजोरी प्रखंड क्षेत्र के परसनी गांव स्थित सनाउल व सईद अंसारी के घर उनके बच्चों (मो हसनैन रजा व मो मुजम्मिल रजा) के अकिका ए मसनूना के मौका पर एक दीनी जलसे मै संबोधित करते हुए कहा इस वक्त पूरी दुनिया में इस्लाम की बढ़ती हुई मकबूलीयत और उनके हुक्म के हर पहलू पर तहकीक किया जा रहा है। फर्ज वाजिब सुन्नत मुस्तहब के इंसानी फवाईद पर बहस हो रही है और मुसलमान गैर इस्लामी रस्म व रिवाज के दलदादह बनने पर फख्र कर रहा है। जबकि उन्हें समाज में सिवाय उनकी रुसवाई के कुछ और हासिल नहीं होने वाले हैं आखिरत मै सख़्त अजाब का शिकार होना तय है। बलियावी ने मुस्लिम नौजवानों में इस्लाम के प्रति बेदार होने को लेकर कहा औरतों का बे हिजाब होना सही नहीं है। तिलक व जहेज़ की लानत से बचना भी बहुत ही जरूरी है। लड़कियों का मुआशरे मे गरीबों के लिए बनते बोझ। तारीख आज का हरीस और लालची बाप लिख रहा है। चंद सिक्कों में अपनी औलादों का सौदा करने वाले अपनी औलाद के दोस्त नुमा वह दुश्मन हैं। हमारे समाज और इस्लाम के हाथ पर बद नुमा दाग है। बलियावी ने तंबीह करते हुए कहा कि वक्त रहते अपने मुआशरा के अंदर बदलाव लाएं अपनी औलाद को नेक सालेह बनाए। इसी के साथ मरकजी एदारा ए शरिया से चलने वाली तहरीक ए बेदारी इसलाह ए मुआशरा का जिक्र करते हुए कहा कि नवंबर में बिहार झारखंड और बंगाल मे खुल्लम खुल्ला इजलास मुनअकीद होगा। जिसमें मुसलमानों के जहेज ना लेने अपने बच्चों की तालीम के लिए आरास्ता करने शराब जुआ व दिगर खुराफात के खुद को और अपने बच्चों को बचाने का हलफ व अहद लिया जाएगा। इलाके के मुसलमानों के बुनियादी मसाइल पर बलियावी ने कहा के मौजूदा हुकूमत ए झारखंड को सिर्फ मुसलमानों के वोट से मतलब है। उनके मसाईल से कोई दिलचस्पी नहीं है। अगर होती तो अभी उर्दू शिक्षक का बहाली मदरसों का इलहाक इमदादी करने का काम मुकम्मल हो गया होता। बलियावी ने यह भी कहा कि झारखंड में दम तोड़ती उर्दू और खामोश मुस्लिम नुमाइंदगां न जाने किस खोफ में असेंबली में बैठे हैं कि एक लफ्ज़ भी हमारी नस्लों के फायदे के लिए नहीं निकालता है। बलियावी ने कहा आज एक जमाना हो गया हुकूमत को वजूद में आए लेकिन आज तक मदरसा बोर्ड का कयाम अकलियती कमीशन और वक्फ बोर्ड के गठन के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फुर्सत नहीं मिली गरचे सेकुलरिज्म के दावे खूब करते हैं। बलियावी ने वाजेह लफ्जों में कहा कि गलतफहमी में हमें नहीं रहना चाहिए हुकूमत हमारी नस्लों की फिक्र करेगी उनकी फिक्र खुद मुसलमान को करना होगा !