हर्ष अजमेरा की कलम से, पिता जी के श्री चरणों को प्रणाम हर्ष अजमेरा
संवाददाता : हजारीबाग
मां बाप की सेवा ही सबसे बड़ा पूजा है विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्रा व्यर्थ है यदि बेटे के होते मां-बाप असमर्थ हैं। मैं अपने पिताजी से बेहद प्यार करता हूं मेरे पिताजी सचमुच मुझे बहुत प्यार करते हैं मेरे पिता मेरे लिए महान है क्योंकि वह एक आदर्श पिता है,बचपन में पिता जी उंगली पकड़ सहारा दिये, पिता कभी कुछ खट्टा, कभी कुछ खारा, पिता पालन है, पोषण है परिवार का सुशासन है पिता घोष से चलने वाला प्रेम का प्रशासन है,पिता रोटी है,पिता कपड़ा है,पिता मकान है,पिताजी छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान है। पिता जी आपको प्रणाम करता हूं। जिसके बावजूद पिता को छोड़ कई बच्चों ने उनसे दूर चले जाते हैं ऐसे मन भाविक परिश्रम के बाद भी पिता अपने आप को सहने की एक ताकत रखते हैं कुछ पिता को बच्चे वृद्धा आश्रम मे छोड़ कर आ जाते हैं और सोशल मीडिया पर फादर्स डे पर हजारों तस्वीरें हम सबों को नजर आती है जब हम पिता से इतना ही प्यार करते हैं तो उन्हें वृद्धा आश्रम में आखिर क्यों रखते हैं यह वह बच्चों के मन में थोड़ा आशंकाएं भी पैदा नहीं होती और जिससे पिता बेहद दुख हो जाते हैं। आज मैं जिस मुकाम पर हूं पिता जी एवं माता जी का आशीर्वाद है। पिताजी ने पढ़ाई के साथ हर वह कुछ सिखाया जो समाज के प्रति सेवा के लिए एक मिसाल बनकर आप सभी के बीच आ सके। पिता एक जीवन है। जीवन का दान है पिता दुनिया दिखाने का एहसान है पिता सुरक्षा है, अगर सिर पर हाथ है, पिता नहीं तो बचपन अनाथ है, तो पिता से बड़ा तुम अपना नाम करो, पिता का अपमान नहीं उन पर अभिमान करो,क्योंकि मां-बाप की कमी को कोई बॉट नहीं सकता और जो भी इनकी आशीषों को काट नहीं सकता, विश्व मैं किसी भी देवता का स्थान दूजा है मां बाप की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्रा व्यर्थ नहीं यदि बेटे के होते मां-बाप असमर्थ है वह खुशनसीब है मां-बाप जिनके साथ होते हैं क्योंकि मां-बाप के आशीषों के हाथ हजारों होते हैं क्योंकि मां-बाप के आदेशों के हाथ हजारों हाथ होते हैं। पिताजी के लिए आज का दिन ही नहीं पूरा जीवन समर्पित है। क्योंकि आपने चलना सिखाया, आपने पढ़ना सिखाया, आपने अपने कार्यों को छोड़ हमें हर कुछ दिखलाया हम आपके लिए कुछ कर सके या ना कर सके आपके सिर कभी झुकने नहीं देंगे….. कोविड-19 के वक्त कई पिता ने अपने बेटे को अलविदा कह दिया। वो वक्त दोबारा ना आए। कितने पिता ने अपने बेटे को अपने से जुदा कर दिया ईश्वर ऐसी परिस्थितियां दोबारा उत्पन्न ना हो ऐसी रहम कर पिता पर।