आदिवासी धरना प्रदर्शन का किया गया आयोजन
सद्दाम खान :- किस्को
किस्को/लोहरदगा: शुक्रवार को लोहरदगा किस्को प्रखंड के बगड़ू जमुन टोली बाजार टांड में भारत का संविधान टाना काउन्सिल एवं पड़हा व्यवस्था खुखरा प्रगना द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए मंगलेश्वर भगत, रायमुन्नी उरांव, सृष्टि कुजूर ने संयुक्त रूप से अपनी अपनी बात को कहे। धरना प्रदर्शन के द्वारा टाना काउन्सिल के बैनर तले अपनी मांगों को व्यक्त किया। मांग में कहा की लोहरदगा बगड़ु पहाड़ पर अवैध तरीके से खनन को अभिलंब बंद किया जाए। पहाड़ पर अवैध तरीके से खनन किया जा रहा है। बगड़ू खनन बॉक्साइट हिण्डाल्को कम्पनी में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों बहुत कम रोजगार/नौकरी दिया गया है। खनन होने से आस पास के
आदिवासियों को जीवन यापन के साथ साथ मवेशियों को भी जीना मुश्किल हो गया है। सभी पेड़ पौधे, जीव जन्तु एवं मनुष्यों को भी प्रदूषण से त्राहि-त्राहि है। सबका जीवन
अस्तित्व संकट में हो गया है। इस क्षेत्र के लोगों ज्यादातर बाहर की कम्पनियों में काम करने को मजबूर हो गए हैं। अवैध तरीके से कारोबार करने के कारण इस क्षेत्र में अशांति और असुरक्षा नौबत आ गयी है।
बगड़ू बॉक्साइट हिण्डाल्को कम्पनी में असंवैधानिक तरीके के साथ यहां के आदिवासियों पर शासन और नियंत्रण कर रहे हैं। जो
अनुच्छेद 244 (क) पांचवी अनुसूची के संवैधानिक प्रदान अधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं जो 26 जनवरी 1950 का संविधान आदेश -9 और अभी अंतिम में मिले, संविधान आदेश 229, 11 अप्रैल 2007 का पांचवीं अनुसूची के भारत का
राज्यपत्र के झारखंड राज्य के अनुसूचित जिले लोहरदगा में गैर आदिवासियों के द्वारा अवैध और असंवैधानिक से कृत्य हो रहा है। उसे अविलंब बंद किया जाए। क्योंकि हमारा मूल अधिकार अनुच्छेद 19 का 2 से 6 उपबंध के अनुसार गैर जनजातियों को बोलने, लिखने, सम्मेलन करने, संस्था चलाने, घूमने फिरने, रहने बसने, नौकरी -चाकरी और व्यवसाय करने का मना है फिर भी इस तरह के अवैध कार्य करने से हमारे विद्यमान विधि प्रभावित हो रहे है। इन उपर्युक्त विषय को संज्ञान लेते हुए उपायुक्त महोदय से 8 दिन के अंतराल में अभिलंब खनन बंद और असंवैधानिक संचालन बंद करवाया जाए नहीं तो आदिवासी पारंपारिक संगठन पांचवी अनुसूची के उपबंध के अधीन एक्शन प्लान के तहत मैदान पर उतरेगी। इसका जिम्मेवार लोहरदगा जिला प्रशासन होगा। धरना प्रदर्शन में मुख्य तौर पर
विष्णु टाना भगत, गोपाल भगत, मंगलेश्वर भगत, पूसा टाना भगत, सूरज भगत, रतिया भगत, बासु भगत, तिलेश्वर भगत, जैनी उरांव, बिमला उरांव, अमिसा उरांव, सहमनी उरांव, जयमंती उरांव, बहादुर टाना भगत, धनेश्वर उरांव, पुरा चंद्रदेव, महेश्वर भगत, बुधराम भगत, रमेश उरांव, मालती उरांव, सन्तरी देवी, रिंकी उरांव सहित भारी संख्या में टाना काउन्सिल को समर्थन देने पहुंचे।