दुर्गा सोरेन सेना के जिला कार्यालय रामगढ़ में हुल दिवस के अवसर पर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित किया गया
संवाददाता-हंसराज चौरसिया
रामगढ़-
गुरुवार को दुर्गा सोरेन सेना के जिला कार्यालय रामगढ़ में हुल दिवस के अवसर पर अमर शहीद सिदो-कान्हो ,चांद -भैरव व फूलो -झानो सहित सभी वीरों को नमन करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित किया गया । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दुर्गा सोरेन सेना के केंद्रीय मुख्य पर्यवेक्षक सह प्रधान महासचिव बिरसा हंसदा उपस्थित हुए । वही हूल दिवस के अवसर पर बिरसा हंसदा ने लोगों को संबोधित कर कहा कि हूल संथाली भाषा का शब्द है, जिसका मतलब होता है विद्रोह ।30 जून 1855 को झारखंड के आदिवासियों ने अंग्रेजों हुकूमत के अत्याचार के खिलाफ पहली बार विद्रोह का बिगुल फूंका। इस दिन 400 गांवों के 50000 लोगों ने साहिबगंज के भोगनाडीह गाँव पहुंच कर अंग्रेजों से आमने सामने की जंग का एलान कर दिया था। सिदो कान्हो और चांद भैरव के नेतृत्व में मालगुजारी नही देने और अंग्रेज हमारी माटी छोड़ो का नारा दिया था । तब विद्रोहियों को सबक सिखाने के लिए अंग्रेजों ने क्रूरता की सारी हदें पार कर भोगनाडीह के ही पेड़ में लटकाकर फांसी दे दी थी। यह विद्रोह आदिवासियों की संघर्ष गाथा और उनके बलिदान को आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले नायकों को याद करने का खास दिन है। हूल दिवस एक जन आंदोलन के रूप में बहुत ही लम्बा आंदोलन चला । इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से दुर्गा सोरेन सेना के केंद्रीय पदाधिकारी सदानंद सिंह ,फिरोज खान ,रमेश कुमार महतो , राजू तुरी ,शहंशा खान ,रामगढ़ जिलाध्यक्ष हसीबुल अंसारी ,उपाध्यक्ष सुबोद ठाकुर , आजम खान ,अरविंद नायक,इमरान अंसारी, सुशांत कुमार, अर्जुन महतो सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे ।