पहचान पत्र बनाने के नाम पर पैसा लिएजाने की शिकायत किया श्रमिक श्रम विभाग मित्र ने लेबर इंस्पेक्टर बता कर श्रमिक मे भय पैदा किया
भवनाथपुर सांवददाता ओस्ताज अंसारी
गढ़वा जिले के भवनाथपुर मे श्रम विभाग के द्वारा श्रमिकों का पंजीयन के नाम पर सरकार द्वारा निर्धारित राशि से अधिक वसूली श्रम मित्र नागेन्द्र शर्मा के द्वारा किए जाने का मामला प्रकाश में आया है. श्रमिको ने श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी को लिखित शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है.
झारखंड भवन एवं अनस निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के द्वारा श्रमिकों को पंजीकरण कर राज्य सरकार के द्वारा 18 प्रकार की लाभ देने की योजना थी इस योजना के तहत श्रमिकों का पहचान पत्र निशुल्क बनाया जाना है लेकिन भवनाथपुर में परम मित्र के द्वारा श्रमिकों से पहचान पत्र के नाम पर ढाई ₹100 से ₹500 तक की वसूली की गई दो-तीन वर्षों के अंदर सैकड़ों लोगों का निबंधन कर पहचान पत्र बनाया गया है परम मित्र नागेंद्र शर्मा अपने आप को लेबर इंस्पेक्टर बताकर श्रमिकों में भय पैदा करते हैं इसका खुलासा शनिवार को मकरी पंचायत के धंगरडिहा गांव के शयामसुंदर विश्वकर्मा के फोन रिकार्ड से हुआ.श्रम मित्र नागेन्द्र शर्मा शनिवार को फोन कर अपने आप को लेबर इंस्पेक्टर बता कर श्यामसुंदर विश्वकर्मा को भड़का रहा था ,इतना ही नहीं पुलिस का भी भय दे रहा था.श्रम मित्र कि बातों को रिकाड कर लिया .उसके बंद खुलासा हुआ.धंगरडीहा के छवि गुप्ता ,बसंती देवी,शुशिला देवी,संजय सिंह,दौलत देवी, रेखा देवी,सहित श्रमिको ने श्रम मित्र नागेन्द्र शर्मा पर आरोप लगाया की तिन वर्ष पूर्व हम लोगों का पहचान पत्र बनाने के नाम पर 250 रू से 500 रू लिया .कह गया था की 15 दिनों में दस ,दस हजार रू आप सभी के खाते में आएगा.कहा 15 दिन छोड़िए तिन वर्ष होने को आया एक रूपया नहीं मिला.जबकी श्रम मित्र नागेन्द्र शर्मा ने आरोप को बेबुनियाद बताया है.
श्रम निरिक्षक अनिल कुमार ने फोन रिकार्ड सुनने के बाद कहा नागेन्द्र शर्मा श्रम मित्र है. उसने लेबर इंस्पेक्टर का नाम लेकर गलत किया है.पहचान पत्र के नाम पर पैसा लिया है तो गलत किया है.श्रमिक शिकायत करें उसे हटाया जाएगा.
श्रम मित्र का क्या काम है.
श्रम मित्र को श्रमिको का पंजियन कराना है जिसमें सरकार 10 रू प्रति पंजियन देती है यदी श्रमिक को लाभ मिलता है तो 15 रू मिलता है.
एक श्रमिक को पंजियन जिंदा रहे इसके लिए प्रति वर्ष 100 रू तथा आनलाईन कराने पर 118 रू सरकार को देना होता है.इस योजना से श्रमिको को 18 प्रकार कि लाभ मिलता है.