एम्स नई दिल्ली, सीसीएल और वन विभाग के बीच एमओयू अंतर्गत 2 प्रोजेक्ट की शुरुआत
कचनार पौधे के उपयोग से लोगों के शारिरीक क्षमता में वृद्धि को लेकर कोडरमा जिले के करीब 25 गांवों किया जाएगा शोध कार्य
कोडरमा एम्स नई दिल्ली, सीसीएल और वन विभाग के बीच एमओयू अंतर्गत 2 प्रोजेक्ट की शुरुआत को लेकर वन प्रमण्डल पदाधिकारी सूरज कुमार सिंह व डॉ रामकिशोर साह आर.पी. सेंटर एम्स नई दिल्ली द्वारा संयुक्त रुप से प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता के दौरान वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बताया कि कोडरमा जिले में दो प्रोजेक्ट पर एमओयू किया गया है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में लगभग एक से डेढ़ साल का समय लगेगा। उन्होंने बताया कि कचनार पौधे के उपयोग से लोगों के शारिरीक क्षमता में क्या वृद्धि होती है, इस पर शोध किया जायेगा। उन्होंने बताया कि दूसरा शोध बायोमास (लकड़ी के जलावन, कोयला, गोबर का गोयठा) के उपयोग से होने वाले प्रतिकूल प्रभाव तथा गैस पर बनने वाले खाने के उपयोग पर किया जायेगा। उन्होंने बताया कि कचनार के पौधे के उपयोग से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है या नहीं इसपर एम्स नई दिल्ली में सैंपल भेजकर इस पर शोध करना है। सीसीएल द्वारा इस प्रोजेक्ट को सीएसआर अंतर्गत लिया गया है। उन्होंने कहा कि कोडरमा जिले के अलावा हजारीबाग जिले में भी प्रोजेक्ट पर कार्य किया जा रहा है। कोडरमा जिले के करीब 25 गांवों में इस शोध कार्य को किया जायेगा। डॉ रामकिशोर साह आर.पी. सेंटर एम्स नई दिल्ली ने बताया कि कोडरमा जिले के 25 गांवों में सर्वे का कार्य किया जायेगा औऱ लोगों का सैंपल कलेक्ट करके नई दिल्ली भेजा जायेगा। फिलहाल करीब 600 लोगों का सैंपल कलेक्ट किया गया है। डॉ जीवन सिंह तितियार, डॉ रामेश यादव कॉर्डियोलॉजिस्ट, डॉ नंद कुमार मनोवैज्ञानिक, डॉ राकेश यादव हृदय रोग विशेषज्ञ, डॉ एस करमाकर बायो कैमिस्ट्री इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। मौके पर एपीआरओ अविनाश कुमार व मीडिया बंधु मौजूद रहे।