बिरसा हरित ग्राम योजना में हुए पौधा क्रय में हुए भ्रष्टाचार और लगाए गए पौधे की जिला बार जांच कराकर दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग विधायक मनीष जायसवाल ने सदन में उठाई
हजारीबाग/झारखंड- झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बुधवार को हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल ने ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित एक महत्वपूर्ण मामले को अपने तारांकित प्रश्नकाल के दौरान पुरजोर तरीके से उठाया। विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि राज्य में पिछली वित्तीय वर्ष 2020- 21 में 920 करोड रुपए राशि से बिरसा हरित ग्राम योजना अंतर्गत 26 हजार एकड़ भूमि में टिंबर एवं फलदार पौधे लगाए गए थे। जिसमें हजारीबाग सहित राज्य के कई जिलों में लगाए गए कुल पौधों में लगभग 70% पौधे मर चुके हैं। इस योजना के तहत लगाए गए पौधों की खरीदारी राज्य के साथ-साथ पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के निजी नर्सरियों एवं संबंधित पदाधिकारियों की मिलीभगत से बाजार दर पर खरीदारी की गई थी जो बहुत ही घटिया किस्म की थी। चालू वित्तीय वर्ष में भी 22 लाख रुपए की राशि से उक्त योजना अंतर्गत 08 लाख टिंबर पौधे लगाने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है परंतु उक्त पौधे कहां और कब लगाई जाएंगी यह निर्णय अब तक नहीं हुई है। विधायक मनीष जायसवाल ने सरकार से पूछा कि क्या सरकार राज्य में उक्त योजना अंतर्गत कराए की गई सभी नर्सरियो का तथा लगाए गए सभी पौधों की जांच जिलावार कराकर दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई करेगी?
विधायक मनीष जायसवाल के इस महत्वपूर्ण सवाल का जवाब देते हुए झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग मंत्री आलमगीर आलम ने जवाब दिया लेकिन जवाब से विधायक मनीष जायसवाल संतुष्ट नहीं हुए ।