जतरा मेला में आयोजित सरहुल मेला में शामिल हुए भाजपा नेता रंजीत चंद्रवंशी व महिला नेत्री कविता कुमारी
सरहुल आदिवासियों के प्रकृति प्रेम का प्रतीक : रंजीत चंद्रवंशी
सरहुल पर्व आपसी प्रेम व भाईचारे को बढ़ावा देता है : कविता कुमारी
संवाददाता : बरही
बरही प्रखण्ड के खोड़ाहर पंचायत अंतर्गत जतरा मेला में आयोजित सरहुल मेला में भाजपा प्रदेश नेता रंजीत चंद्रवंशी व महिला नेत्री कविता कुमारी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने आदिवासी समुदाय के भाई बहनों के साथ मांदर व ढोल बजाकर उनके संग जमकर थिरकते नजर आए। इस सम्बंध में रंजीत चंद्रवंशी ने कहा कि सरहुल यह झारखंड की जनजातीय आबादी का प्रमुख त्योहार है। सरहुल का शाब्दिक अर्थ साल वृक्ष की पूजा है। वे साल वृक्ष की भी पूजा करते हैं, जिसे देवी सरना का निवास माना जाता है जो गांव को सभी प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं और आपदाओं से बचाती है। कहा कि आदिवासियों की प्रकृति प्रेम के प्रतीक के रुप में सरहुल पर्व पूरे राज्य में मनाया जाता है। महिला नेत्री कविता कुमारी ने कही कि सरहुल प्रकृति पर्व है। यह आपसी प्रेम व भाईचारे को बढ़ावा देता है। साथ ही यह हमें जल, जंगल व जमीन की रक्षा की सीख देता है। सरहुल पर्व का उद्देश्य है कि धरती और सूर्य के संबंध से ही प्रकृति में हरियाली आती है। मौके पर अशोक बड़ा, सोमू उरांव पप्पू एक्का, मंगल उरांव, बीरेंद्र उरांव, सोमर उरांव, महादेव बाड़ा, अतवा उरांव, रंजीत मिंज, जगदीश उरांव, बुधुवा बाड़ा, अनिता कुजूर, सिलमनी बेक, मगदली बाड़ा इत्यादि लोग उपस्थित रहे।