सदन में अध्यक्ष का मेरे प्रति जो व्यवहार हैं उससे मैं बहुत दुखी हूं- बाबूलाल मरांडी
रांची
झारखंड विधानसभा शीतकालन सत्र में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति पर सदन में चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक सह प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को अपनी राय रखने का समय नहीं दिया गया । इस पर बाबू लाल मरांडी ने कहा है कि मुझे हाउस में बोलने नहीं दिया गया । स्पीकर का रवैया अपमानजनक है मैं मन से दुःखी हूं उन्होंने कहा कि आप भले ही मुझे बीजेपी का नहीं मानते हो पर मैं एक विधायक तो हू । सरकार पर निशाना साधते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार सिर्फ राजनीति कर रही हैं वहीं बाबूलाल मरांडी को सदन में बोलने का अवसर नहीं दिए जाने पर निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि स्पीकर द्वारा हाउस में उन्हें इतनी महत्वपूर्ण बिल पर बोलने ना दिया जाना सही नहीं है । बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सदन में अध्यक्ष का जो व्यवहार मेरे प्रति हैं उससे मैं बहुत दुखी हू मेरे द्वारा लगातार हाथ उठाने के बाद भी मुझे सदन में बोलने नहीं दिया जाता है । जनता ने मुझे चुना है, मैं विधायक हूं और जनता से जुड़े मुद्दे पर सदन में सुझाव देने का हकदार हूं, फिर भी बोलने नहीं दिया गया । सदन के बाहर विधानसभा अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष का मेरे प्रति जो व्यवहार हो रहा है उसका विरोध दर्ज कराता हूं. लोकसभा में भी रहा हूं । सीनियर सांसद हाथ उठाते हैं तो अध्यक्ष अवसर देते हैं आज हम कई बार हाथ उठाते रहे पर सदन में अध्यक्ष ने हमें बोलने का अवसर नहीं दिया । नेता प्रतिपक्ष ने भी कहा कि औरों से बोलबाना और बाबूलाल से नहीं बोलबाना ये घटना क्या दर्शाता है ।