सहायक अध्यापक सतीश यादव का आकस्मिक निधन, क्षेत्र एवं शिक्षा जगत में शोक का माहौल
अनुकंपा के आधार पर परिजन को नौकरी दे सरकार : संजय दुबे
संवाददाता : बरही
बरही के पंचमाधव निवासी सह राजकीय बुनियादी विधालय पंचमाधव के प्रतिनियोजित सहायक अध्यापक सतीश यादव का आकस्मिक निधन हो गया। इस घटना से पूरे क्षेत्र, सहायक अध्यापक संघ एवं शिक्षा जगत में शोक का माहौल है। घटना की खबर सुनते ही सरकारी शिक्षक सुरेश प्रसाद, उतम सोनी, दीना प्रसाद, मनोज घोष, दीपक यादव, जगदीश प्रसाद, नन्दकिशोर पाडेय, सुरेंद्र यादव, दिनेश यादव, दामोदर साव, जगदीश प्रसाद, रंजीत सिंह, दिनेश रविदास, रामेश्वर रविदास, मनोज ठाकुर, अजय कुमार, अनिल केसरी, मो सनोवर, मोहम्मद इरशाद, अनिल केसरी, चंद्रकांत अकेला, प्रेम कुमार, गायत्री सिन्हा, सरस्वती देवी सहित सैकड़ो शिक्षक शव यात्रा में शामिल हुए एवं नम आंखों से अपने साथी सतीश यादव को अंतिम विदाई दी। इस दौरान विधालय परिवार के द्वारा दो मिनट मौन रखा गया एंव इनकी आत्मा की शांति प्रदान की गई।
झाररवंड प्रदेश सहायक अध्यापक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार दुबे ने कहा कि वर्तमान सरकार को भी राज्य के सहायक अध्यापकों की कोई चिंता नहीं है। नित्य प्रतिदिन एक-एक शिक्षक काल के गाल में समा रहे हैं। जो अत्यन्त दुखदायी है। दिवंगत सतीश यादव अपने पीछे पत्नी एंव एक बच्चे को छोड गए। इनका भरण पोषण कैसे होगा। उन्होंने 20 साल ईमानदारी पूर्वक अल्प मानदेय में सेवा किया परंतु सरकार के द्वारा आज तक राज्य के सहायक अध्यापकों का भविष्य एंव उनके परिजनों के बारे में हेमंत सरकार के द्वारा भी नहीं कुछ नही सोची जा रही है जो काफी ही निंदनीय है। बताया कि अभी तक 100 से 150 सहायक अध्यापक काल के गाल में समा गए परंतु उनके परिजन के बारे में सरकार को कोई चिंता नहीं है।
कहा कि जनप्रतिनिधियों के द्वारा भी निराशा ही हाथ लगी है। बताया कि राज्य के सहायक अध्यापकों में इन मुद्दे को लेकर एक आक्रोश उत्पन्न है जिसकी सामना सरकार एवं जनप्रतिनिधि को करनी पड़ेगी। कहा आज फिर एक घर सूना हो गया और इसको देखने वाला कोई नहीं। राज्य के सहायक अध्यापक अपने मानदेय से सहयोग राशि जमा करके उनके परिजनों को दे पाते हैं यह काफी दुख की बात है। झाररवंड प्रदेश सहायक अध्यापक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार दुबे ने मुख्यमंत्री सह स्कूल शिक्षा एंव साक्षरता मंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया कि इस मुद्दे पर अभिलंब विचार करते हुए विभाग को निर्देश देने का कार्य करें ताकि अनुकंपा पर उनके परिजनों को नौकरी देकर उनके परिजनों का जीवन का सहारा बन सके।