बोलेक ही गीत आऊर चलेक ही नृत्य हेके, नागपुरी भाषा कला संस्कृति के बचाइक हामर कर्तव्य लोक कलाकार सीमा देवी
सिसई कृष्णा कुमार साहु
सिसई प्रखंड के सकरौली गांव में झारखंड संस्कार दीप संस्था के संस्थापक सह सचिव एवं नागपुरी लोक गायिका सीमा देवी के नेतृत्व पर तीन दिवसीय अखाड़ा उन्नयन एवं संवर्धन और नवरतनगढ़ परंपरा को जीवित रखने के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समापन कार्यक्रम में नागपुरी भाषा विद कृष्ण कलाधर, उतरी जिप सदस्य विजय लक्ष्मी कुमारी, भदौली पंचायत के उप मुखिया राहुल कुमार सिंह, ग्राम प्रधान सुमन पहान उपस्थित हुए। अतिथियों को अंग वस्त्र देकर स्वागत किया गया। लोक गायिका सीमा देवी ने संगीत और ज्ञान की देवी मां सरस्वती का आराधना करते हुए अपने मधुर वाणी से भजन गाकर कार्यक्रम का शुभारंभ की। उन्होंने कहा की धीरे-धीरे नागपुरी भाषा कला संस्कृति विलुप्त हो रही हैं, जिसको बचाने की जरूरत है। लोक गायिका ने कहा कि झारखंड सरकार से प्राथमिक विद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय में नागपुरी भाषा की पढ़ाई को अनिवार्य करने के लिए मांग कि है। गायिका प्रभा देवी, पूनम देवी, रीता देवी, मनी देवी, फुलमनी देवी, ने एक से बढ़कर एक गीत और नृत्य प्रस्तुत कर नागपुरी भाषा से जुड़ी संस्कृति को दिखाया। मांदर नगाड़ा और बांसुरी की मधुर बोली से ग्रामीण थिरकते रहे। मांदर में सेलवहान भगत, इंद्रजीत महली, रामसेवक लोहरा, और बांसुरी में देवनाथ महली साथ दे रहे थे। कार्यक्रम के अंत में ग्रामीणों ने सामूहिक नृत्य कर लोक कलाकारो का सहयोग किया।