एक दिन ऐसा आएगा जब ऑक्सीजन सिलेंडर में भी शुद्ध ऑक्सीजन नहीं मिलेगा
बच्चों के भविष्य निधि के रूप में पेड़ लगाएं और मानव जीवन को स्वास्थ्य बनाएं
बड़कागांव रितेश ठाकुर
दिन प्रतिदिन बढ़ती वैश्विक तापमान के कारण आज मानव जीवन प्रभावित हो रहा है। इस वैश्विक तापमान का जिम्मेवार हम मानव खुद हैं। आज देश के विकास के लिए प्रत्येक दिन प्राकृतिक पर्यावरण को छेड़छाड़ कर नई तकनीकों का विकास किया जा रहा है। जहां एक और आधुनिकीकरण एवं औद्योगिकीकरण से रोजगार की संभावनाएं व विकास हो रहे हैं वहीं दूसरी और इन आधुनिकीकरण एवं औद्योगिकीकरण में लाखों पेड़ काटे जा रहे हैं। हमारे पर्यावरण में विषाक्त गैसों की बहुलता होती जा रही है। लोगों को तरह-तरह के स्वसन संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो रहे हैं। लोग डॉक्टर के पास जाते हैं और अपना इलाज करवाते हैं लेकिन क्या डॉक्टर से इलाज करवा लेना इस प्रकार के समस्याओं का स्थाई निदान है। बड़कागांव प्रखंड में इन दिनों पर्यावरण की समस्या भयावह रूप धारण कर ली है, जो बड़कागांव वासियों के लिए किसी विपदा की घंटी से कम नहीं है।
हम लोगों को जिस प्रकार अपने बच्चों की भविष्य एवं उनकी केरियर की चिंता सताती है, उनके अच्छे भविष्य के बारे में सोचते हैं उसी प्रकार बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के बारे में सोचते हुए हमें अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने चाहिए। नहीं तो एक दिन ऐसा आएगा की ऑक्सीजन सिलेंडर में भी शुद्ध ऑक्सीजन नहीं मिल पाएगा। समय रहते इन बातों पर विचार करने की आवश्यकता है। जिस प्रकार मानव जाति धन कमाने के लिए शारीरिक परिश्रम करता है वैसे ही अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी हमें पर्यावरण के लिए शारीरिक परिश्रम करने की नितांत आवश्यकता है। हमें अपने चारों और खाली जगहों में पौधे लगाने चाहिए एवं पेड़ पौधों को संरक्षण प्रदान करना चाहिए। पर्यावरण के प्रति सजग लोगों को समय-समय पर प्रोत्साहित एवं पुरस्कृत करना चाहिए। बड़कागांव में एक पर्यावरणीय समिति बनाने की आवश्यकता है।