7दिनों की रिमांड पर नक्सली दिनेश गोप , कड़ी सुरक्षा के बीच हुई पेशी
संगठन से जुड़े दूसरे नक्सलियों के ठिकानों का पता लगायेगी एनआईए
रांची –
पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को आज एनआईए कोर्ट में पेश किया गया। पेशी के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। दिनेश गोप के चेहरे को ढक कर रखा गया था। पेशी के बाद कोर्ट ने दिनेश गोप को 7 दिन की एनआईए रिमांड पर भेजा गया है। एनआईए ने 15 दिनों के रिमांड की मांग की थी। इस दौरान एनआईए उससे संगठन से जुड़े कई अहम सवाल और दूसरे नक्सलियों के ठिकाने की जानकारी भी मांगेगी। पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के सुप्रीमो दिनेश गोप को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था। खुंखार नक्सली को पड़ोसी देश नेपाल से गिरफ्तार किया गया था।
रविवार शाम 5:30 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच उसे दिल्ली से बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से बाहर लाया गया। दिनेश गोप की गिरफ्तारी सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सफलता है। झारखंड पुलिस ने 25 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था. वहीं एनआईए ने भी उस पर 5 लाख रुपये का इनाम रखा था। नेपाल में रहकर दिनेश गोप झारखंड में अपने संगठन को मजबूत कर रहा था। झारखंड में पीएलएफआइ के अन्य उग्रवादियों द्वारा वसूले गये लेवी के पैसे उसके कुछ समर्थक उस तक नेपाल पहुंचाने का काम करते थे।
दिनेश गोप कभी भी किसी से सामान्य कॉल पर बात ही नहीं करता था। तकनीकी तौर पर भी उसने खुद को इतना मजबूत कर लिया था कि कोई आसानी से उसतक ना पहुंच सके। दिनेश गोप ने लेवी में वसूले पैसे को नेपाल में भी निवेश कर रहा था। वहां स्थानीय लोगों से भी दिनेश गोप ने अपनी अलग पहचान बना ली थी। दिनेश गोप पूरी कोशिश करता था कि उसके लोकेशन का किसी को पता ना चले। झारखंड पुलिस के साथ एनकाउंटर के दौरान जब दिनेश गोप को गोली लगी तो उसने सुरक्षित ठिकाने के रूप में नेपाल को चुना। वह किसी पीएलएफआइ उग्रवादी को मिलने के लिए नहीं बुलाता था। वह ऐसे लोगों को अपने लोकेशन की कोई जानकारी नहीं देता था जो पुलिस की रडार में है। अब एनआईए पूछताछ में उससे संगठन के कई बड़े राज जानेगी