पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं आदिवासी ग्रामीण
संवाददाता – तारिक अनवर
मंडरो, साहेबगंज झारखंड
साहेबगंज जिला अंतर्गत मंडरो प्रखंड मुख्यालय से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ पिंडरा पंचायत की पहाड़ी क्षेत्र में बसा हुआ है एक छोटा सा गांव धोकुटी यहां आदिवासी समाज के लगभग 70 परिवार के लोग निवास करते हैं गांव की आबादी लगभग 200 के आसपास है ग्रामीणों के अनुसार आजादी के इतने वर्ष बीत गए लेकिन पंचायत जनप्रतिनिधि के अलावे सरकारी अधिकारी कभी हाल लेने गांव तक नहीं पहुंचे हैं यहां के आदिवासी एवं माली जाति के लोग कृषि कार्य मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं यहां आने जाने हेतु कच्ची ईंट सेलिंग सड़क है।
वह भी अत्यंत जर्जर हो चुकी है जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं जिसके कारण बरसात में आगमन में काफी कठिनाई होती है। वही यहां के ग्रामीण पेयजल की समस्या जूझ रहे हैं गांव के एकमात्र कुआं है जिससे पूरा गांव पेयजल एवं साफ सफाई कार्य में उपयोग करते हैं वीरेंद्र मुर्मू, प्रधान टुडू, स्टीफन टुडू, बेजून टुडू,सायमेल मुर्मू, तालू मरांडी आदि ग्रामीणों ने बताया कि अब कुआ भी सूखने के कगार पर पहुंच गया है। कुआं में तीन से चार फीट मात्र पानी बचा हुआ है ।
कुआं सूख जाएगा तो हम लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस जाएंगे। लगभग 1 वर्ष पूर्व सरकारी चापाकल लगाया गया था लेकिन वह भी कई महीनों से खराब पड़ा हुआ है पेयजल की व्यवस्था को लेकर सरकार से इसे दुरुस्त करने की मांग की है। इधर आवश्यक मूलभूत सुविधा सड़क पानी समेत सरकार की कई महत्वकांक्षी योजना का घोर अभाव है ।