अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस विशेष : रंजन चौधरी की कलम से
मनवीय मूल्यों के प्रति युवाओं में बढ़ रही हैं संवेदना
संवाददाता : हजारीबाग
अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस युवाओं की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक जिम्मेदारी के प्रति जागरूक करने के साथ राष्ट्र और समाज के हित में कार्य करने की प्रेरणा देती है। अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस-2023 के मौके पर हजारीबाग की एक सच्ची कहानी का चित्रण कर यह संदेश देने का सकारात्मक प्रयास कर रहा हूं कि युवाओं में इंसानियत और मानवता के प्रति संवेदनशीलता बढ़ रही है। पीड़ित मानवता की सेवा की ललक युवाओं के दिलों में घर कर रही है और इसकी झलक समाज में लगातर कई बार दिखती है। नकारात्मक खबरों और संदेशों के बीच यह कहानी राष्ट्र और समाज के प्रति सेवा की भावना रखने वाले युवाओं के लिए प्रेरक भी है। आज से ठीक दो दिन पूर्व मेरे पास हजारीबाग शहर के लक्ष्मी सिनेप्लेक्स के समीप से अचानक एक कॉल आया। उस वक्त मैं किसी जरूरी कार्य में व्यवस्था। कॉल स्थानीय प्रकाश जायसवाल का था। उनसे बातें हो ही रही थी की तुरंत स्थानीय निवासी सांसद प्रतिनिधि सुरेश सिन्हा का भी कॉल आया। दोनों ने एक जानकारी देते हुए बताया कि एक अनजान वृद्ध यहां दो दिनों से पड़ा है। उन्होंने सामने के एक घर से निवाला दिया है। इसे मदद की जरूरत है। तत्काल मैंने अपने कार्य छोड़कर मुक्तिधाम सेवा संस्थान के सचिव नीरज कुमार से संपर्क किया और उनके साथ उस व्यक्ति के समीप पहुंचा जिसे तत्काल हमलोगों की जरूरत थी। नीरज कुमार खुद एम्बुलेंस ड्राइव कर रहें थे और हम उस व्यक्ति के साथ बैठे थे। दोनों ने तुरंत अस्पताल पहुंचाया यहां चिकित्सकों से आग्रह करके बाहर बुलवाकर दिखवाया। व्यक्ति पूरी तरह बेसुध और अचेत था। डॉ.अभिषेक कुमार और एक अन्य चिकित्सक ने इन्हें देखा तो बताया की संभवतः किसी गाड़ी से धक्का लगने से इन्हें चोट लगा है और गंभीर हालत है। तत्काल अस्पताल में भर्ती कर इनका इलाज शुरू किया गया। अस्पताल के कई वार्ड बॉय ने भी इन्हें अपने परिजन जैसा मानकर उनके इलाज में सहयोग किया। अस्पताल से उनके लिए भोजन का विशेष व्यवस्था कराया। जैसे ही यह होश में आए और शरीर में स्फूर्ति आई अस्पताल से भाग गए। हमलोग चिंतित हुए ही थे की नीरज कुमार के पास अचानक मासीपीढी हुंडई शोरूम के पास से किसी राजेन्द्र कुमार और अभिषेक कुमार का कॉल आया की एक वृद्ध व्यक्ति पड़ा हुआ है इनके हाथ में कैनुला भी लगा हुआ है। इससे पहले राजेंद्र कुमार और अभिषेक कुमार ने इनके कपड़े बदले और फिर उन्हें। ओल्ड एज होम पहुंचाया। व्यक्ति अब अपना नाम और पता भी बता रहें हैं। इन्होंने अपना नाम सुबोध कुमार सिंह (उम्र करीब 70 वर्ष), पता ग्राम रघुनाथपुर, थाना- दिघवारा, जिला- छपरा, राज्य- बिहार बताया है। इसके आगे ये कुछ भी बताने में असमर्थ हैं। फिलहाल इन्हें ओल्ड एज होम हजारीबाग में शरण दिया गया है। ऐसे अनेकों उदाहरण है जिससे स्पष्ट होता है कि समाज में एक वर्ग ऐसा भी है जो संवेदनशील है और मानवता एवं इंसानियत को जिंदा रखने के लिए ललाहित है। ऐसे ही नेक और मानवता पूर्ण कार्यों के बदौलत हम अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस को सार्थक बना सकते हैं ।
- प्रस्तुति:-
✍ रंजन चौधरी,
मीडिया प्रतिनिधि, सदर विधायक, हजारीबाग ।