श्रीदस इंटरनेशनल स्कूल में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की पुण्यतिथि पर अर्पित की गई श्रद्धांजलि, निबंध लेखन व कविता गायन प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन
राष्ट्रवाद की भावना को परिभाषित करने वाले रामधारी सिंह दिनकर का योगदान अविस्मरणीय है : रोहित सिंह
संवाददाता : बरही
धनंजय कुमार
देवचंदा मोड़ स्थित श्रीदस इंटरनेशनल स्कूल में महान राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की पुण्यतिथि पर विद्यालय निदेशक सह प्राचार्य, शिक्षकों व विद्यार्थियों के द्वारा उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा पूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई। साथ ही उनकी पुण्यतिथि पर बच्चों के बीच निबंध लेखन व कविता गायन आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमें कक्षा नवमी एवं दसवीं के छात्र -छात्राओं ने भाग लिया।
उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए विद्यालय प्राचार्य रोहित सिंह ने कहा कि एक बहु-प्रतिभाशाली व्यक्तित्व थे । जिनकी नई चीजें सीखने की बहुत इच्छा थी। साहित्य और राष्ट्रीय-सांस्कृतिक काव्यधारा के अग्रदूत रामधारी सिंह दिनकर बहुमुखी प्रतिभाके समृद्ध लेखक श्रेष्ठ आलोचक, तटस्थ इतिहासकार, कुशल निबंधकार एवं चिंतनशील लोकप्रिय कवि के रूप में समादृत हैं। आज एक ऐसा दिन है जब हम अपने देश के महानतम कवियों में से एक को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। और निश्चित रूप से, आने वाले कई लोगों के लिए राष्ट्रवाद की भावना को परिभाषित करने वाले रामधारी सिंह दिनकर उनका योगदान अविस्मरणीय है। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने हिंदी साहित्य में न सिर्फ वीर रस के काव्य को एक नई ऊंचाई दी, बल्कि अपनी रचनाओं के माध्यम से राष्ट्रीय चेतना का भी सृजन किया। रचना देश प्रेम से ओतप्रोत थी। दिनकर सच्चे अर्थों में दीन हीन, शोषित और वंचितो के कवि थे। यहां तक कि भारतीय साहित्य में उनके महान योगदान के लिए उन्हें ज्ञानपीठ और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत उनकी कविता युगों-युगों तक सभी देशवासियों को प्रेरणा देती रहेगी।
इस अवसर पर सभी शिक्षकगण एवं विद्यार्थी शामिल थे।