रांची में डीजीपी की बैठक, आपराधिक मामलों की समीक्षा
रांची
झारखंड डीजीपी अजय सिंह राज्य की कानून व्यवस्था को बेहतर करने को लेकर रांची में समीक्षा बैठक की गई। इसके अलावा नक्सल फ्रंट पर मिली सफलता को और कामयाब बनाने के लिए पुलिस मुख्यालय में सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ महत्वपूर्ण बैठक हुई। डीजीपी के द्वारा बुलाई गयी इस बैठक में सभी डीजी, एडीजी, आईजी, डीआईजी और सभी जिलों के एसपी शामिल रहें। इस बैठक के एजेंडे में राज्य के थानों में लंबित मामले भी महत्वपूर्ण हैं।।इस मीटिंग में पिछले दो साल के दर्ज मामलों के आंकड़े, प्रतिवेदित और निष्पादित केस की सूची, संगठित अपराधियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर चर्चा की गई। इसके अलावा विभिन्न थानों में लंबित केस की लिस्ट और डिटेल्स, मानव तस्करी के वैसे मामले जिसमें विक्टिम अभी तक गुमशुदा है, साथ ही वारंट और कुर्की निष्पादन की स्थिति की समीक्षा भी की गई। राज्य पुलिस मुख्यालय में शनिवार को सभी जिलों के एसपी और रेल एसपी के कामकाज की बारी बारी से समीक्षा की गई। बैठक में सभी जिलों में सक्रिय संगठित आपराधिक गैंग और उसके सदस्यों की गतिविधि पर भी बैठक में चर्चा हुई। हत्या, लूट, डकैती, अपहरण और रंगदारी जैसी वारदातों को अंजाम देने वाले बड़े अपराधियों पर कार्रवाई के लिए जो योजनाएं बनी हैं, उन पर कितना अमल किया गया है उसका भी रिपोर्ट डीजीपी के सामने रखा गया। सीआईडी आईजी असीम विक्रांत मिंज ने समीक्षा बैठक के दौरान राज्यभर की आपराधिक परिद़ृश्य पर विस्तृत प्रतिवेदन मीटिंग में दिया। सीआईडी के अधिकारियों के द्वारा अनुसंधानित कांडों की जांच लंबित वारंट/कुर्की के निष्पादन में हो रहे विलंब तथा कठिनाइयों पर राज्य के सभी जिलों को जो दिशा-निर्देश दिए गए है उसकी रिपोर्ट भी सौंपी गई। राज्य के सभी थानों में वर्तमान समय में लंबित कांडों की क्या स्थिति है, इसकी विस्तृत रिपोर्ट भी बीजेपी के सामने पेश की गई।