चकुराटांड में व्यवहार न्यायालय के लिए चार एकड़ जमीन किया गया आवंटित, बरही सीओ ने किया स्थल निरीक्षण कर उच्च पदाधिकारियों को सौंपा रिपोर्ट
संवाददाता : बरही
बरही अनुमंडलवासियो की चिरप्रतीक्षित मांग अब पूर्ण होते नजर आ रहा है, जिससे बरही अनुमंडलवासियों को किसी प्रकार के अनुमंडल स्तरीय विधिक कार्यों के लिए हजारीबाग का चक्कर नही लगाना होगा। सभी विवादों का निष्पादन बरही में ही कर लिया जाएगा, चूंकि जल्द ही बरही चकुराटांड में व्यवहार न्यायालय स्थापित करने की कवायद तेज हो गयी है। सोमवार को बरही सीओ अरविंद देवाशीष टोप्पो ने स्थल निरीक्षण कर उच्च पदाधिकारियों को रिपोर्ट सौंपा है। उनके साथ कर्मचारी रीतलाल रजक व सरकारी अमीन चेतन यादव भी मौजूद रहे।अनुमंडलीय न्यायिक कार्यालय एवं आवास निर्माण हेतु चयनित चार एकड़ भूमि का हस्तांतरण प्रस्तावित अभिलेख भी तैयार कर लिया गया है। जानकारी देते हुए बरही अंचलाधिकारी अरविंद देवाशीष टोप्पो ने बताया कि उक्त कार्य के लिए चकुरा टांड में खाता संख्या 20, प्लॉट नंबर 46 में रकवा 4 एकड़ जमीन उपलब्ध करा दिया गया है और उच्च पदाधिकारियों को रिपोर्ट सौंप दिया गया है। बताते चलें कि विधायक उमाशंकर अकेला ने 2 मार्च को विधानसभा बरही सिविल कोर्ट का मामला उठाया था। विधायक श्री अकेला ने पूछा कि बरही में अनुमंडल की स्थापना वर्ष 1994 में हुई है लेकिन व्यवहार न्यायालय की स्थापना नहीं होने के कारण अनुमंडल क्षेत्र के लोगों को मीलों दूर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। इसके साथ ही पूछा था कि क्या सरकार व्यापक लोकहित में बरही अनुमंडल मुख्यालय में व्यवहार न्यायालय प्रारंभ करना चाहती है। इसके उत्तर में बताया गया था कि विधि विभागीय अधिसूचना संख्या 2156 दिनांक 20 सितंबर 2017 द्वारा बरही अनुमंडल में न्यायिक दंडाधिकारी स्तर का एक और न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी के अतिरिक्त शक्तियों के साथ सिविल जज जूनियर डिविजन स्तर के एक न्यायालय का गठन हो चुका है। बरही में आधारभूत संरचना के उपलब्ध होने तक वे हजारीबाग में बैठेंगे। इसके साथ ही जवाब दिया गया था कि बरही अनुमंडल में उपरोक्त न्यायालयों के गठनोपरांत न्यायालय भवन के निर्माण के लिए आगे की कार्रवाई भवन निर्माण विभाग झारखंड रांची को सौंपा गया था