*विनय दास बाबाजी पर पुस्तक का विमोचन 30 मार्च को होगा*
*पोटका/पुर्वी सिंहभूम/झारखण्ड*
*सुरेश कुमार महापात्रा की रिपोर्ट*
युगपुरुष विनय दास बाबाजी के जीवनी पर पुस्तक का विमोचन 30 मार्च को रामनवमी के दिन किया जायेगा। झारखंड के लोकप्रिय साहित्यकार सुनील कुमार दे द्वारा एतिहासिक धार्मिक पुस्तक,,कापड़ गादी घाटेर रुंकिनी माँ,, का प्रकाशन विगत 25 सितम्बर 2022 को हुआ जो काफी लोकप्रिय हुआ।गालूडीह रुंकिनी मंदिर पुनरुद्धार कर्ता,खारिया कॉलोनी में अवस्थित अमृत वाणी सत्संग तथा राधारानी मिलन कुंज के संस्थापक तथा सिध्देश्वर शिव मंदिर के निर्माता महासाधक तथा युग पुरुष विनय दास बाबाजी धालभूम में काफी जन प्रिय,लोकप्रिय और सन्मानिय संत और गुरु है।पूर्वी,पश्चिम और सरायकेला जिले के अलावे भारत के विभिन्न प्रदेश में भी बिनय दास बाबा के अनेक भक्त और अनुयायी है।उन सभी ने लेखक सुनील कुमार दे को बिनय दास बाबाजी की जीवनी पर पुस्तक लिखने के लिए अनुरोध एवं प्रेरित किया।लेखक सुनील कुमार दे ने कई बार उनके माताजी आश्रम के भक्त सुधांशु मिश्र,बादल मामा, मोहितोष मंडल,तपन मंडल और अमल विश्वास के साथ गालूडीह रुंकिनी मंदिर में बिनय दास बाबाजी के पास मिलने गए।वहाँ पर बाबाजी के भक्त भास्कर पात्र, पुजारी सुखदेव दास,बिद्युत पाल, चंदना पाल, डॉक्टर बिकाश चंद्र भकत, नीलाद्रि नंदी,गौर चंद्र सिंह,निर्मल चंद्र सिंह,तरुलता महतो,मालती महतो,राम दुलाल साहू आदि भी उपस्थित थे।लेखक सुनील कुमार दे ने भक्तजनों के अनुरोध पर बाबाजी की जीवनी पर पुस्तक लिखने का प्रस्ताव रखा और अनुमति मांगा तथा पूर्व आश्रम के बारे में विस्तार पूर्वक बताने का निवेदन किया।भक्त जनों की भावनाओ को मान्यता देते हुए बाबाजी ने उनकी जीवनी लिखने की मंजूरी दी तथा अपनी जीवनी लेखक सुनील कुमार दे को बताया। विनय दास बाबाजी ने सुनील कुमार दे को पुस्तक लिखने के लिए आशीर्वाद दिया।बाबाजी का आशीर्वाद लेकर लेखक सुनील कुमार दे ने उनकी जीवनी लिखना शुरू किया और बहुत कम समय में बाबाजी के ऊपर पुस्तक लिख डाली।महान संत और गुरु बिनय दास बाबाजी की यह धार्मिक पुस्तक आगामी 30 मार्च 2023 को रामनवमी के दिन गालूडीह स्थित रुंकिनी मंदिर में एक बिशेष अनुष्ठान में किया जायेगा।पुस्तक का विमोचन बिनय दास बाबाजी के करकमलों द्वारा किया जायेगा यह जानकारी लेखक सुनील कुमार ने दी।