राजी पड़हा भवन कुडू में एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन
संवाददाता – मनोहर ठाकुर
कुडू
कुडू प्रखण्ड क्षेत्र के राजी पडहा भवन मे समस्त आदिवासी संगठनों के द्वारा आदिवासियों की पारंम्परिक पड़हा स्वशासन व्यवस्था, एवं ग्राम सभा की मजबूती के लिए आदिवासीयों के लिए संविधान में प्रदत्त अनुच्छेदों की विशेष जानकारी को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन राजी पड़हा भवन कुडू में किया गया। वहीं इस कार्यशाला में रूढी प्रथा एवं पेशा कानून क्या है तथा दोनों में क्या अंतर है, U.C.C , पारम्परिक ग्राम सभा क्या है, पड़हा व्यवस्था का आदिवासीयों के लिए क्या योगदान है साथ ही संविधान में अंकित अनुच्छेदों पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। जबकि 6.5वीं एवं 6वीं अनुसूची क्षेत्रों में पंचायती राज के नुकसान पर परिचर्चा किया। मौके पर जिला राजी पड़हा लोहरदगा के उपदिवान जतरू उरांव ने अपनी बातों को रखते हुए कहा कि आज आदिवासी अपने धरम करम,रीति रिवाज को भुलाकर दूसरे के बनाए कानून से संचालित हो रहा है जिसके चलते आदिवासियों के हक अधिकार के खिलवाड़ हो रहा है आज जल, जंगल,और जमीन भी सुरक्षित नहीं है,अगर आदिवासी अपने इतिहास को नही जानेंगे तो अपना अस्तित्व को भी नहीं बचा पाएंगे आज हमारे पूर्वज जल,जंगल जमीन और माटी,बेटी का लड़ाई लड़ते शहिद हो गए लेकिन हम उनके द्वारा दिखाए रास्ते पर नहीं चल रहे है जिसके कारण आज आदिवासियों का हक अधिकार को दूसरे लोग छीन रहे है आज हमें पारंपरिक पड़हा स्वशासन बेवास्था को मजबूत करना होगा और अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी ।
इस कार्यशाला में आदिवासी छात्र संघ लोहरदगा के जिला अध्यक्ष अवधेश उरांव ,आदिवासी छात्र संघ कुडू प्रखंड अध्यक्ष अमित उरांव,उपाध्यक्ष महावीर उरांव, अनुप भगत रविंद्र उरांव, राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा कुडू के अध्यक्ष शनि भगत , मीडिया प्रभारी बिंदेश उरांव, कोषाध्यक्ष बन्ना उरांव, लोहरदगा जिला राजी पड़हा बेल विजय उरांव,दीवान संजीव उरांव,अनिल उरांव,शंकर उरांव,सुनींल मुंडा,एतवा पहान,सोमरा भगत,प्रेम उरांव,सुखराम उराँव, सरस्वती उरांव,अनिल उरांव,प्रदीप उराँव,वीर बुधु भगत सेना के अध्यक्ष सुनील कच्छप,संतोष उरांव, कुडू एवम किस्को प्रखंड के पहान,पुजार,महतो साथ ही समाज के बुद्धिजीवी भारी संख्या में उपस्थित रहे।