May 19, 2024
Jharkhand News24
धर्म

केंद्रीय सरना समिति, राजी पड़हा, सरना प्रार्थना सभा के तत्वाधान मे प्राकृतिक महापर्व सरहुल धूमधाम से मांडर नगाड़ा के साथ निकला

Advertisement

केंद्रीय सरना समिति, राजी पड़हा, सरना प्रार्थना सभा के तत्वाधान मे प्राकृतिक महापर्व सरहुल धूमधाम से मांडर नगाड़ा के साथ निकला

विश्व की सबसे पुरानी धर्म अद्दी धर्म हैँ, जो प्रकृति को सम्मान देती हैँ : डॉ. रामेश्वर उराँव (वित्त मंत्री झारखण्ड सरकार )

प्रकृति अपनी सुंदरता बिखेरती हैँ सरहुल पूजा मे : चंद्रशेखर अग्रवाल (सांसद प्रतिनिधि सुदर्शन भगत )

लोहरदगा

लोहरदगा : केंद्रीय सरना समिति, राजी पड़हा समिति, सरना प्रार्थना सभा जिला समिति के तत्वाधान मे लोहरदगा मे भव्य विशाल प्रकृति का महापर्व सरहुल का जुलुस निकाला गया | जुलुस झाखरा कुम्बा न्यू नगरपरिषद के समीप से पाहन पुजार द्वारा पूजा के उपरांत जुलुस निकाला गया जो भट्टी रोड होते हुई थाना रोड उपर बाजार बारवटोली होते हुई नई रोड से किस्को मोड़ सरना पूजा स्थल होते हुई नदिया हिन्दू उच्च विद्यालय स्तिथ सरहुल मेला स्थल पहुँचा, सरहुल जुलुस को अंजुमन इस्लामिया के अध्यक्ष अफसर कुरैशी के नेतृत्व मे तथा श्री राम समिति, कांग्रेस विधायक कार्यालय, प्रजापति समिति, विश्व हिन्दू परिषद, महाबीर मण्डल, मारवाड़ी समाज,ब्लॉक हनुमान मंदिर समिति सहित अनेको स्थानों मे स्वागत किया गया जहाँ चना गुड़ एवं माल्यार्पण कर स्वागत किया गया, जुलुस मे हजारों की संख्या मे महिलाएं पुरुष नगाड़ा और मांडर की थाप मे झूमते गाते पूरा नगर भ्रमण किया गया | इस अवसर पर झारखण्ड सरकार के वित्त मंत्री सह स्थानीय विधायक डॉ. रामेश्वर उराँव, राज्य सभा सांसद धीरज प्रसाद साहू, राज्य सभा सांसद समीर उराँव, सांसद सुदर्शन भगत के प्रतिनिधि चंद्रशेखर अग्रवाल, राज्य सभा प्रतिनिधि अशोक यादव, विधायक प्रतिनिधि निशीथ जायसवाल, रोहित उराँव,सुखैर भगत, जिला परिषद अध्यक्ष रीना कुमारी, राधा तिर्की, सुखदेव उराँव संदीप गुप्ता, आजसू के सूरज अग्रवाल,अलोक साहू, मणि उराँव एवं सरना समिति जिला अध्यक्ष रघु उराँव विशेष रूप से उपस्थित थे |

Advertisement

इस अवसर पर स्थानीय विधायक सह मंत्री झारखण्ड सरकार ने कहा की अद्दी धर्म ही सरना धर्म है जो विश्व की सबसे प्राचीनतम धर्म है जिसमे प्रकृति की पूजा और प्रकृति का सम्मान देना होता है, सरहुल पर्व इसी का प्रतीक है इसमें धरती माँ और सूर्य पिता के रूप मे शादी बंधन मे बांधते है इसी दोनों के कारण संसार और प्रकृति बनी है जिसकी आदिवासी पूजा करते है, उन्होंने कहा की लोहरदगा सहित झारखण्ड के तमाम आदिवासी गैर आदिवासी भाई बहनो को माता धरती औरपिता सूर्य से प्रार्थना हैँ की सुख समृद्धि प्रदान करें, वहीँ राज्य सभा सांसद धीरज प्रसाद साहू ने कहा की प्रकृति के पोषक आदिवासी समाज ही हैँ इन्ही के कारण पर्यावरण संतुलन हैँ जहाँ इंसान सुरक्षित हैँ, आदिवासी ही प्रकृति के सारंक्षक होते हैँ, वही राज्य सभा सांसद समीर उराँव ने कहा की सरहुल मे प्रकृति अपनी सुंदरता दिखाती हैँ आदिवासी ही असली प्रकृति के पूजक हैँ, वहीँ सांसद सुदर्शन भगत के प्रतिनिधि चंद्रशेखर अग्रवाल ने कहा की प्रकृति की अनुपम भेंट हैँ सरहुल जो हमें प्रकृति के समीप लें जाता हैँ, नृत्य गीत आदिवासी संस्कृति ही जीवंत होती हैँ |जुलुस मे विभिन्न प्रकार के झांकी का भी प्रदर्शन किया गया था।

Related posts

फतेहपुर प्रखंड क्षेत्र में राम नवमी पूजा के अवसर पर पदयात्रा महारैली निकाला गया, काफ़ी संख्या में श्रद्धालु रहे मौजूद।

reporter

विजैया में विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर भक्ति जागरण का हुआ आयोजन, झूमे श्रद्धालु

jharkhandnews24

सैकड़ों हनुमान चालीसा पुस्तिका का किया गया वितरण

jharkhandnews24

सत्संग… भागवत कथा का 5वां दिन, शास्त्री बोले- कथा सुनने से आत्मशांति प्राप्त होती है और भजन में ही जीवन का सार होता है – कथावाचिका रौशनी शास्त्री

reporter

सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा: श्रीकृष्ण रुक्मणी विवाह सुन भाव विभोर हुए भक्त

reporter

कीर्तन करने से मन को शाँत कर कष्टों को हरता है- बांग्ला कीर्तनिया मौसमी अधिकारी

reporter

Leave a Comment